शेयर बाजार के प्रतिभागियों ने इस बार काफी अच्छे से अपने दांव चले लेकिन सीएनआई के अनुमान के परे नहीं जा सके। CNI 2008 के बाद से लगातार सही अनुमान प्रकट करता रहा है, जब निफ्टी लुढ़ककर 2,700 अंक पर आ गया था। इस महामारी की वजह से आए करेक्शन से पहले हमने 12,400 अंक के स्तर से करेक्शन की उम्मीद की थी। हालांकि, यह गिरकर 7,500 पर आ जाएगा, यह हमने सपने में भी नहीं सोचा था। अब यह बात भी है कि किसी ने यह नहीं सोचा था कि कोविड-19 हमें इस प्रकार झकझोर देगा।
हालांकि, साथ ही साथ यह सही है कि हमने 12,400 अंक के स्तर पर आंशिक तौर पर ही सही लेकिन मुनाफावसूली की थी। हमने 7,500 अंक के स्तर से आक्रामक तरीके से गति पकड़ना शुरू किया, जब PE 12.34 के स्तर पर रह गया था। यह 1991 के PE (11) से थोड़ा ही अधिक था। 1991 का PE उस वक्त तीन दशक के निचले स्तर पर था। हमने पहले 10,000 अंक का लक्ष्य रखा और उसके बाद 12,400 अंक का लक्ष्य तय किया। कल निफ्टी 12,263 अंक के स्तर पर बंद हुआ, जबकि सिंगापुर में बाजार 12,364 अंक के स्तर पर बंद हुआ।
हमने पहली बार उतार-चढ़ाव को लेकर विस्तार से बताया और वह अब अतीत की बात हो गई है। हमें फॉलो करने वाले यह जानना चाहते होंगे कि आगे क्या? क्या शेयर बाजार में जारी तेजी अब थम जाएगी? क्या एक बार फिर हमें बड़ा करेक्शन देखने को मिलेगा? क्या वैल्युएशन बहुत ज्यादा हैं? क्या मिड कैप और स्मॉल कैप कभी परफॉर्म करेंगे क्योंकि Nifty में मौजूदा तेजी महज 12 स्टॉक की वजह से आई है। इन सब मुद्दों से निपटने के लिए आपको यह समझना होगा कि वे कौन से पहलू हैं जो बाजार की दिशा तय कर रहे हैं।
हमने पहले भी कहा था कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप जीतें या हारें; बाजार में बढ़त देखी जाएगी और हमारा अनुमान सही साबित हुआ। बाजार में काफी अच्छी बढ़त देखने को मिली। यही वजह है कि अमेरिकी चुनाव के भय को लेकर कई निवेशकों को काफी अधिक नुकसान उठाना पड़ा जबकि हमारे फॉलोअर्स को तेजी का फायदा मिला।
हमारा मानना है कि दिवाली से बाजार 12,450 या 12,500 के नए रिकॉर्ड उच्च स्तर को छुएगा और उसके बाद इसमें कुछ गिरावट की आशंकाओं को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। इसकी वजह यह है कि कम मियाद वाला उत्साह लौट रहा है। तेजी की दौड़ अभी शुरू होने वाली है। ऐसे में अगर आप बाजार की थीम को समझते हुए निवेश करेंगे तो संपत्ति का सृजन अब भी संभव है।
हमने पहले कहा था कि अगले तीन-चार साल में निफ्टी 23,400 अंक के स्तर तक पहुंच सकता है। ऐसे में यह दौड़ जारी रहेगी। हालांकि, 12,500 या 12,800 या 13,000 के स्तर पर कुछ करेक्शन देखने को मिल सकता है लेकिन यह 11 फीसद से ज्यादा नहीं होगा। इसका मतलब यह है कि यह 11,300 अंक या 11,100 अंक से नीचे नहीं आएगा।
अब यहां वैल्यूएशन की बात करते हैं जो अभी काफी ऊपर हैं। यद्यपि Nifty PE 33 पर दिखा रहा है लेकिन हमारे हिसाब से यह 25-25.5 के आसपास है। इस तरह वैल्यूएशन में अब भी बढ़ोत्तरी की संभावना है।