2020 में सामाजिक जीवन के साथ साथ धार्मिक गतिविधियों में भी अप्रत्याशित परिवर्तन हुए हैं। श्राद्ध के अगले दिन आरंभ होने वाले नवरात्र एक महीना आगे खिसक गए। चौमासा पंचमासा में बदल गया तो दीवाली के पंच पर्व 4 दिवसीय हो गए हैं। यहां तक कि शरद् पूर्णिमा का ‘ब्लू मून’ भूकंप और सुनामी तक ले आया। अधिकांश त्योहारों को सार्वजनिक रुप से मनाने की बजाय सीमित स्थानों पर और संसधानों से मनाना पड़ा। मास्क और सेनीेटाइजर का उपयोग निरंतर करना पड़ रहा है। दिवाली तथा भाई दूज पर , पटाकों, मिठाईयों व उपहारों के आदान प्रदान पर एक अंकुश सा रहेगा।
इस वर्ष दिवाली पर गुरु स्वराशि धनु, शनि भी अपनी मकर राशि में तथा शुक्र कन्या में होंगे। ऐसा दुर्लभ संयोग, लगभग 500 साल पहले 1521 में बना था। गुरु तथा शनि की स्थिति, धन संबंधी कार्यक्लापों , देश की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के संकेत दे रहे हैं।
14 नवंबर को देश भर में दीपावली में गुरु ग्रह अपनी राशि धनु में और शनि अपनी राशि मकर में रहेंगे। शुक्र ग्रह कन्या राशि में नीच रहेगा और इन तीनों ग्रहों का यह दुर्लभ योग वर्ष 2020 से पहले नौ नवंबर 1521 मे देखने को मिला था। गुरु व शनि ग्रह अपनी राशि में आर्थिक स्थिति को मजबूत करने वाले ग्रह माने गए हैं। ऐसे में यह दीपावली शुभ संकेत लेकर आई है।
जैसे नवरात्रि पर नौ दिन, दुर्गा माता के नौ स्वरुपों की आराधना की जाती है, ठीक उसी भांति दीवाली के अवसर पर पंचोत्सव मनाने की परंपरा है। किस दिन क्या पर्व होगा और उस दिन क्या छोटे छोटे कार्य व उपाय करने चाहिए, उसका दैनिक विवरण संक्षिप्त रुप में हम दे रहे हैं।
विभिन्न पर्वों पर शुभ मुहूर्त
12 नवंबर – गुरुवार,- गोवत्स द्वादशी
13 नवंबर – शुक्रवार- धन त्रयोदशी- धनवंतरी जयंती, हनुमान जयंती
14 नवंबर – शनिवार – चर्तुदशी, नरक चौदश , दीवाली
14 नवंबर – शनिवार – दीवाली
15 नवंबर – रविवार, गोवर्धन पूजा , अन्नकूट , विश्वकर्मा दिवस
16 नवंबर -सोमवार,- यम द्वितीया- भाई दूज