पीपीपी का शीघ्र ही आम आदमी पार्टी में होगा विलय
नई दिल्ली : अलग पूर्वांचल राज्य के गठन की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रही पूर्वांचल पीपुल्स पार्टी क्षेत्र के विकास और पार्टी के मिशन की पूर्ति के लिए ऐतिहासिक निर्णय लेने जा रही है। पार्टी की केंद्रीय समिति के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक शीघ्र ही पीपीपी का विलय आम आदमी पार्टी में होने जा रहा है। इस संबंध में पूछे जाने पर पीपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनूप पांडेय ने बताया कि पूर्वांचल पीपल्स पार्टी का गठन पूर्वांचल समाज से जुड़े नागरिकों को आर्थिक व सामाजिक न्याय दिलाने के उद्देश्य से किया गया था और उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए पार्टी हर त्याग और समर्पण करने को तैयार है। अनूप पांडेय ने बताया कि आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद एवं पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह से मुलाकात के दौरान हमने उन्हें पूर्वांचल पीपल्स पार्टी के उद्देश्यों से अवगत कराया। हमने कहा कि पूर्वांचल का विकास अलग पूर्वांचल राज्य के गठन में ही निहित है। अब तक उत्तर प्रदेश व बिहार से जुड़ा पूर्वांचल का क्षेत्र विकास में अत्यंत पिछड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश में सूबे की पश्चिमी राजनीति का दबदबा रहा। इसके कारण विकास के नाम पर कुछ हुआ भी तो वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुआ। पूर्वांचल क्षेत्र पूरी तरह से आज भी उपेक्षा का शिकार है।
श्री पांडेय ने कहा कि क्षेत्र में न तो शिक्षा की बेहतर व्यवस्था है और ना ही चिकित्सा की। आज भी पूर्वांचल के नागरिकों को शिक्षा और चिकित्सा के लिए दो 200 से लेकर 1000 किलोमीटर दूर दिल्ली तक का लंबा सफर करना पड़ता है। बेहतर शैक्षणिक व्यवस्था के अभाव में पूर्वांचल के युवा बेरोजगारी के शिकार हो रहे हैं। उत्कृष्ट और उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए युवाओं को 500 से 2000 किलोमीटर की दूरी तय कर दिल्ली, मुंबई और मद्रास आदि सुदूर प्रांतों में जाना पड़ता है। पूर्वांचल के युवाओं और विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था अपने गृह जनपदों के आसपास ही प्राप्त करने का अधिकार है लेकिन तकनीकी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के अभाव में युवाओं को विवश होकर अपने परिवार से दूर रहकर शिक्षा प्राप्त करनी पड़ती है। इसके लिए उन्हें तमाम झंझावातों का सामना करना पड़ता है।
अनूप ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के छह दशक बाद भी पूर्वांचल क्षेत्र का औद्योगिक विकास नहीं हो पाया। इसके कारण बेरोजगारी का आलम है और रोजगार के लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता के साथ हरियाणा व पंजाब जाने वाले पूर्वांचल के श्रमिकों और आम नागरिकों को अपमान का सामना करना पड़ता है। इस उपेक्षा से पूर्वांचल समाज को उबारने और उनके सामाजिक व आर्थिक विकास के लिए हमने अलग पूर्वांचल राज्य के गठन और भोजपुरी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज कराने के लिए संघर्ष शुरु किया है और अगर आम आदमी पार्टी पूर्वांचल पीपुल्स पार्टी के इस उद्देश्य की पूर्ति में सहयोग करती है तो अवश्य ही पार्टी आम आदमी पार्टी में समाहित होने के लिए तैयार है।