महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण व हिंसा पर रोकथाम को करेंगे काम
ग्राम व मोहल्ला समिति की बैठकों में मुद्दों पर चर्चा और पैरवी भी करेंगे
लखनऊ : महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए चलाये जा रहे मिशन शक्ति अभियान के तहत अब समुदाय में इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने वालों को ‘शक्ति चैम्पियंस’ का दर्जा दिया जाएगा। वह महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण व हिंसा पर रोकथाम के लिए महिला कल्याण विभाग का सहयोग करेंगे और महिलाओं व बच्चों को अधिकारों के प्रति पूरी तरह से जागरूक बनाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी निभायेंगे। ऐसे लोगों का इसी माह चिन्हांकन कर उन्हें पहचान पत्र/बैच और कार्य वितरण किया जाएगा। निदेशक महिला कल्याण व मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी मनोज कुमार राय का कहना है कि कोई भी महिला, पुरुष, बालक, बालिका या थर्ड जेंडर जो महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की दिशा में जागरूक करने का बेहतर कार्य कर रहे हैं, उन्हें शक्ति चैम्पियंस का दायित्व निभाने को आगे लाया जा सकता है। इनका काम होगा ग्राम या वार्ड में महिलाओं और बच्चों के अधिकारों, कानूनों और मुद्दों पर जागरूकता पैदा करना।
विभिन्न ग्राम सभा व मोहल्ला समिति की बैठकों में पुलिस के प्रतिनिधित्व की पैरवी करना और महिलाओं व बच्चों से जुड़े मुद्दों को इन बैठकों में चर्चा का विषय बनाना। 1090 वुमन पावर लाइन, 1098 चाइल्ड लाइन, 108 एम्बुलेंस सेवा, 102 स्वास्थ्य सेवा, 112 इंटीग्रेडेड हेल्पलाइन, 1076 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, 181 महिला हेल्पलाइन का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करना होगा । ग्राम स्तर पर पहले से गठित मंगल दल का अभिमुखीकरण करते हुए उनके द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के प्रति होने वाली हिंसा की रिपोर्टिंग के लिए पैरवी करना भी इनके कार्यों में शामिल होगा। मंगल दल एवं ग्राम समिति बाल विवाह, बाल श्रम, घरेलू हिंसा, बाल/महिला यौन हिंसा व बाल/महिला शोषण आदि को रोकने में अहम भूमिका निभाएगी।
घरेलू हिंसा, दहेज़ शोषण, शारीरिक और मानसिक शोषण, बाल विवाह, बाल श्रम, भिक्षावृत्ति, यौनिक हिंसा और छेड़छाड़ का विरोध करने और निगरानी करने, सम्बंधित हेल्पलाइन और पुलिस में रिपोर्ट करने का भी काम शक्ति चैम्पियंस करेंगे। अपने क्षेत्र के पुलिस थाना/चौकी के पुलिस अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से महिला व बाल शोषण के रोकथाम के लिए संवाद, जागरूकता कार्यक्रम, प्रशिक्षण कार्यक्रम भी वह आयोजित करेंगे। शक्ति चैम्पियंस पंचायत भवन, नगर निगम, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, विभिन्न प्रकार के सरकारी भवन, स्कूल आदि महत्वपूर्ण स्थानों पर महिला एवं बाल सुरक्षा के मुद्दों पर जिला प्रशासन, महिला कल्याण विभाग, पुलिस विभाग की मदद से पोस्टर-बैनर, दीवार लेखन आदि जागरूकता सम्बन्धी व्यवस्था भी सुनिश्चित करायेंगे। इसके अलावा तहसील दिवस में भाग लेकर अधिकारियों को महिलाओं व बच्चों के मुद्दों से अवगत करायेंगे।
इन असुरक्षित स्थानों की पुलिस व अधिकारियों को देंगे सूचना
- – विद्यालय के पास शराब की दुकान
- – विद्यालय के समय आस-पास असामाजिक तत्वों का जमावड़ा
- – किसी घर में महिला या बच्चे के साथ किसी प्रकार की हिंसा होना
- – आने-जाने वाले रास्ते में लाइट न होने से अँधेरे में असुरक्षित माहौल
- – विद्यालय में चहारदीवारी, शौचालय, भेदभाव रहित वातावरण का न होना
- – घरों में शौचालय की व्यवस्था का न होना