उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने प्रदूषण के मामले में देश की राजधानी दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया है। लखनऊ में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंचने पर अधिकारियों की भी आंख खुल गई है। जिलाधिकारी लखनऊ ने लखनऊ का प्रदूषण बढऩे के मामले में ड्यूटी पर लापरवाही बरतने पर क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का वेतन रोक दिया है।
देश में प्रदूषण के मामले में लखनऊ तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। राजधानी में लगातार बिगड़ रहे वायु प्रदूषण से लोगों की सेहत को खतरा पैदा हो गया है। प्रशासन ने सख्त रुख दिखाते हुए बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी का वेतन जारी करने पर रोक लगा दी है। साथ ही विभागीय अधिकारियों को जल्द प्रदूषण पर काबू नहीं पाने की सूरत में कड़ी कार्रवाई को तैयार करने को कहा है। लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा और जिम्मेदार महकमे सो रहे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब तक किसी भी तरह से हालात को काबू करने की स्थिति में नहीं दिख रहा है। अधिकारियों के पास किसी तरह की ठोस योजना नहीं दिख रही है।
डीएम अभिषेक प्रकाश ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भेजे पत्र में कहा है कि विभाग का काम बेहद असंतोषजनक है। प्रदूषण रोकने के लिए किसी तरह के गंभीर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। बैठकों में जितने भी निर्देश दिए गए उनका जमीन पर अच्छी तरह से पालन कराने में भी अफसर नाकाम रहे हैं। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। फिलहाल क्षेत्रीय अधिकारी का वेतन जारी करने पर रोक लगायी जा रही है। अगर भविष्य में विभाग ने प्रदूषण को नियंत्रित करने में गंभीरता नहीं दिखायी तो फिर सभी विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने दूसरे विभागों को भी अपनी तरफ से प्रदूषण को नियंत्रित करने की पहल शुरू करने को कहा है।
लखनऊ का हाल दिल्ली से भी बुरा: प्रदेश की राजधानी लखनऊ के साथ ही यहां के मुरादाबाद, मेरठ, गाजियाबाद सहित उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण का बुरा हाल है। लखनऊ में छाई धुंध और हवा की कम रफ्तार के चलते शुक्रवार को प्रदूषण का स्तर गंभीर स्थिति में पहुंच गया। प्रदूषण के मामले में लखनऊ ने दिल्ली को भी पीछे छोड़ दिया है। सेंट्रल पलूशन कंट्रोल बोर्ड के एक्यूआई बुलेटिन के मुताबिक, लखनऊ का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 349 बहुत खराब से बढ़कर 447 गंभीर स्थिति में दर्ज हुआ।
लखनऊ देश के तीसरे सबसे प्रदूषित शहर की श्रेणी में रहा। पहले स्थान पर हरियाणा का फतेहाबाद और दूसरे नम्बर पर प्रदेश का मुरादाबाद है। लखनऊ में बीते 48 घंटे में एक्यूआइ 447 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। यहां के तालकटोरा, अलीगंज तथा लालबाग की हवा सबसे अधिक जहरीली हो गई है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) के मुताबिक, पिछले 48 घंटे में लखनऊ की हवा लगातार जहरीली हो रही है।
लखनऊ के क्षेत्रीय अधिकारी का वेतन रोका और स्पष्टीकरण मांगा : लखनऊ के डीएम ने क्षेत्रीय अधिकारी आरके सिंह की सैलरी तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश देने के साथ ही प्रदूषण का मामला इतना बढऩे पर तीन दिन में जवाब मांगा है। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने शनिवार को क्षेत्रीय अधिकारी, उप्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ को एक पत्र लिखा है। पत्र में लिखा, वर्तमान में लखनऊ में प्रदूषण की स्थिति अत्यंत चितनीय है। आपको बार-बार निर्देशित किया गया है कि प्रदूषण पर नियत्रंण पाने के लिए तत्काल प्रभावी कार्यवाही करायें। बैठकों में लिए गए निर्णयों पर भी आपने कोई कार्रवाई नहीं की।
इसके लिए आपको फील्ड विजिट करने के निर्देश दिए गए थे, किन्तु आप फील्ड विजिट नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही आपने अभी तक किसी भी प्रकार की प्रवर्तन की कार्रवाई भी नहीं गई, जिसके कारण जनपद में प्रदूषण की स्थिति पर प्रभावी नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। आदेश में आगे लिखा है कि अगले आदेशों तक आपका वेतन रोका जाता है साथ ही निर्देशित किया जाता है कि दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें कि क्यों आप अपने सरकारी दायित्वों का निर्वाह नहीं कर रहे हैं। अगर दो दिनों तक स्पष्टीकरण नहीं आया तो माना जाएगा कि आपको कुछ नहीं कहना है ऐसे में आपके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
सेतु निगम पर दस लाख का जुर्माना
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उत्तर प्रदेश सेतु निगम पर दस लाख रुपया का जुर्माना ठोंका है। इसके साथ ही 24 उद्योग संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वायु प्रदूषण की इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड रिंग रोड़ टेड़ी पुलिया चौराहे पर ओवर ब्रिज का निर्माण करने वाली सेतु निगम की एजेंसी पर 10 लाख का जुर्माना ठोका है। इसके साथ ही दर्जन से अधिक अन्य निर्माण एजेंसियों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है। लखनऊ में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु प्रदूषण करने वाले उद्योगों को बंद करने का फैसला लिया है। इसके तहत शहर के औद्योगिक एरिया में स्थापित 68 उद्योगों का संचालन पूरी तरह से बंद किया जाएगा। लखनऊ मंडल के क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी डॉक्टर रामकरन ने बताया कि 8 नवंबर तक स्थिति न सुधरने पर यहां पर हेल्थ इमरजेंसी लागू करते हुए प्लाइवुड सहित वायु प्रदूषण करने वाले सभी उद्योग तत्काल प्रभाव से बंद कर दिए जाएंगे। 24 उद्योगों को कारण बताओ नोटिस दी गई है।
सर्दियों में हर साल बढ़ता है वायु प्रदूषण
वायु प्रदूषण हर साल सर्दियों की बड़ी समस्या है। लोगों को गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है। प्रत्येक वर्ष जैसे ही तापमान कम होने लगता है और हवा की गति मंद होती है। इससे सड़कों से निकले धूलकण व अन्य प्रकार के कण वातावरण में एक परत बना लेते हैं। धुआं, धूल और कुहरा मिलकर स्मॉग की स्थिति पैदा कर देते हैं।