कोरोना वायरस के खिलाफ अभी कोई टीका (वैक्सीन) अंतिम रूप से विकसित तो नहीं हुआ है, लेकिन सरकार ने टीकाकरण के लिए व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। यह तय किया गया है कि स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों, पंचायत भवनों और इसी तरह के अन्य परिसरों में कोरोना का टीका लगाया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिये पूरे अभियान पर नजर रखेगा। लाभार्थियों के लिए एक क्यूआर कोड भी जारी किया जाएगा।
कोरोना महामारी पर गठित विशेषज्ञ समूह ने व्यापक मंत्रणा के बाद टीकाकरण अभियान को लेकर एक खाका तैयार किया है। इसके मुताबिक राज्य सरकारों को ऐसे भवनों की पहचान करनी होगी, जिनका विशेष कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान के तहत टीका लगाने के लिए बूथ के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। यह अभियान मौजूदा वैश्विक टीकाकरण अभियान (यूआइपी) के समानांतर चलेगा।
सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के मौजूदा डिजिटल प्लेटफॉर्म ईविन (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) में कोरोना टीकाकरण अभियान की जरूरतों के हिसाब से बदलाव किया गया है। इसके जरिये वैक्सीन के वितरण और आपूर्ति पर नजर रखी जाएगी। लाभार्थियों को एसएमएस के जरिये टीका लगाने के लिए समय और बूथ की जानकारी दी जाएगी। क्यूआर कोड जारी कर उनकी पूरी जानकारी भी रखी जाएगी, ताकि जरूरत पड़ने पर उनसे संपर्क किया जा सके।
आधार से लिंक होगा अभियान
किसी व्यक्ति को दो बार टीका न लगने पाए, इसके लिए इस अभियान से लाभार्थियों के आधार को जोड़ा जाएगा। जिनके पास आधार नहीं होगा, वो सरकार की तरफ से जारी फोटो पहचान पत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं।
यूआइपी सुविधाओं का होगा इस्तेमाल
सरकारी सूत्रों ने बताया कि कोरोना का टीका उपलब्ध होने पर उसके वितरण और आपूर्ति के लिए यूआइपी की प्रक्रियाओं, प्रौद्योगिकी और नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाएगा। ईविन के जरिये टीके के स्टाक और कोल्ड चेन के तापमान की पल-पल की जानकारी ली जाएगी।
केंद्र खरीदेगा टीका
सूत्रों ने बताया कि कोरोना टीकाकरण अभियान के लिए केंद्र सरकार सीधे कंपनियों से टीके खरीदेगी। राज्य सरकारों को टीके की खरीद करने से मना कर दिया गया है। केंद्र की तरफ से देशभर में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके उपलब्ध कराए जाएंगे।
जोखिम वाले समूह को प्राथमिकता
केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से शुरुआती चरण में 30 करोड़ ऐसे लाभार्थियों की पहचान करने को कहा गया है, जो प्राथमिकता वाले समूहों में आते हैं। इनमें स्वास्थ्यकर्मी, नगर निगम से जुड़े कर्मचारी, पुलिसकर्मी, बुजुर्ग और गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग शामिल हैं। इन सभी को मुफ्त में टीके लगाए जाएंगे।