आरबीआई रिपोर्ट: प्रवासी श्रमिकों, दिहाड़ी मजदूरों की मदद में यूपी का पहला स्थान
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में योगी सरकार की कार्यशैली सबसे बेहतर
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मानकों पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सबसे खरी उतरी है। कोरोनाकाल में यूपी ने दूसरे राज्यों के मुकाबले सबसे बेहतर काम किया है। अस्पताल, मेडिकल उपकरण, मास्क और वेंटिलेटर की व्यवस्था करने में यूपी नंबर वन रहा। प्रवासी श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों की योगी सरकार ने सबसे ज्यादा मदद का रिकार्ड बनाया है। कोरोना आपदा के दौरान देश में यूपी के सबसे दमदार प्रदर्शन पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया ने अपनी मुहर लगा दी है। आरबीआई ने अपनी स्टेट फाइनेंस रिपोर्ट में राज्यों के प्रदर्शन का खुलासा किया है।
कोरोना के दौरान बेहतर प्रदर्शन के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई द्वारा तय की गई नौ कसौटियों में से आठ में उत्तर प्रदेश सरकार ने पहला स्थान हासिल किया है। रिपोर्ट में नौ में से आठ श्रेणियों में जगह बनाने वाला यूपी देश का एक मात्र राज्य है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना महामारी से यूपी सरकार ने हर मोर्चे पर जबरदस्त जंग लड़ी है। कोरोना के मरीजों के लिए अस्पताल की व्यवस्था करनी हो या नए मेडिकल उपकरण, मास्क और वेंटिलेटर का इंतजाम, यूपी सरकार ने सबसे तेज और प्रभावी तरीके से काम किया। वह भी तब जबकि, स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च के मामले में यूपी नीचे से दूसरे नंबर है। यूपी में प्रति व्यक्ति मेडिकल खर्च 1065 रुपए है, जबकि 3808 रुपए प्रति व्यक्ति मेडिकल खर्च के साथ दिल्ली टॉप पर है।
हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सर्वाधिक खर्च कर उसे बेहतर बनाने वाले राज्यों की सूची में पहले स्थान पर यूपी के बाद आंध्र प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, मप्र और छत्तीसगढ़ रहे। कोरोना मरीजों के मुफ्त इलाज के मामले में यूपी के बाद पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु हैं। टेस्टिंग लैब बनाने के लिए कोरोना केयर फंड के मामले में यूपी के बाद उड़ीसा रहा। इमरजेंसी लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सुविधा के मामले में यूपी, त्रिपुरा और तमिलनाडु का नाम है। डाक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ को एन-95 मास्क वितरण के मानक पर यूपी के बाद गुजरात, तमिलनाडु और चेन्नई रहे। कोरोना की चपेट में आने वालों की मदद के मामले में यूपी के बाद अन्य 18 राज्य हैं। मुफ्त राशन वितरण की कसौटी पर यूपी के बाद देश के 15 राज्यों को जगह मिली है। प्रवासी श्रमिकों और दिहाड़ी मजदूरों की मदद के मामले में पहले नंबर पर यूपी के बाद 12 अन्य राज्य रहे। मेडिकल स्टाफ के इंश्योरेंस कवरेज, सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों के इलाज की इंश्योरेंस स्कीम सुविधा देने की श्रेणी में केवल प. बंगाल व तमिलनाडु को जगह मिली है।
रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के कारण राज्यों के राजस्व में जबर्दस्त कमी आई। मुश्किल वक्त में राज्यों की आर्थिक स्थिति को सबसे अधिक सहारा शराब और पेट्रोल ने दिया। राज्यों की कमाई का मुख्य जरिया रहे स्टेट जीएसटी, स्टाम्प ड्यूटी और केंद्र से मिलने वाले टैक्स में 70 फीसदी तक गिरावट आई। ऐसे समय में पेट्रोल, डीजल और शराब ने बदहाल अर्थ व्यवस्था को सहारा दिया। शराब और पेट्रोल से राज्यों को औसतन 25 से 35 फीसदी तक आमदनी होती है। 19 राज्यों ने शराब के दाम औसतन 20 फीसदी और 16 राज्यों ने पेट्रोल की कीमत 1 से 5 रुपए तक बढ़ा कर काम चलाया।