भावी पीढ़ी को सुरक्षित व सुखमय भविष्य प्रदान करना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए- श्री राजनाथ सिंह

लखनऊ, 6 नवम्बर। सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 21वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ का आज आॅनलाइन भव्य शुभारम्भ हुआ। इस आॅनलाइन समारोह में मुख्य अतिथि श्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री एवं लखनऊ की मेयर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने अपनी वर्चुअल उपस्थिति से समारोह की गरिमा को बढ़ाया। इस अवसर पर मेयर सुश्री संयुक्ता भाटिया ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो के पूर्व राष्ट्रपति एन्थोनी थाॅमस अकीनास कार्मोना को आॅनलाइन प्रजेन्टेशन द्वारा लखनऊ शहर की चाबी भेंटकर सम्मानित किया। इससे पहले, सी.एम.एस. संस्थापक, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं ‘अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन’ के सम्मेलन डा. जगदीश गाँधी एवं सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस की वरिष्ठ प्रधानाचार्या डा. विनीता कामरान ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं देश-विदेश के अन्य गणमान्य हस्तियों, न्यायविद्ों व कानूनविद्ों का हार्दिक स्वागत अभिनंदन किया। विदित हो कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 21वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ का आयोजन 6 से 9 नवम्बर तक आॅनलाइन किया जा रहा है, जिसमें विभिन्न देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद के अध्यक्ष, न्यायमंत्री, संसद सदस्य, इण्टरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश एवं विश्व प्रसिद्ध शान्ति संगठनों के प्रमुख समेत 63 देशों के मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद् आॅनलाइन अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

इस ऐतिहासिक सम्मेलन के बारे में अपने विचार रखते हुए मुख्य अतिथि श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भावी पीढ़ी को सुरक्षित व सुखमय भविष्य प्रदान करना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए और इस उद्देश्य हेतु विभिन्न देशों के न्यायविद्ों व कानूनविद्ो का आगे आना एक अहम कदम है, जो एक नवीन विश्व व्यवस्था में क्रान्तिकारी कदम साबित होगा। श्री सिंह ने आगे कहा कि बच्चों के आधिकारों व विश्व व्यवस्था के महत्वपूर्ण मुद्दे पर आवाज उठाने के लिए मैं सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी को हार्दिक बधाई देता हूँ। लखनऊ की मेयर श्रीमती संयुक्ता भाटिया ने कहा कि इस अन्र्तष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से सीएमएस विश्व के बच्चों के लिए एक नया भविष्य निर्मित कर रहा है, साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी नये आयाम स्थापित कर रहा है।

इससे पहले, राष्ट्र गान ‘वन्दे मातरम’ एवं स्कूल प्रार्थना ‘हे मेरे परमात्मा’ के सुमधुर प्रस्तुतिकरण से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस द्वारा विभिन्न प्रकार के स्कूल बैण्ड का प्रस्तुतिकरण एवं ताईवान के शान्ति संगठन फेडरेशन आॅफ वल्र्ड पीस एण्ड लव (फोपाल) के सदस्यों द्वारा शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों का आॅनलाइन प्रस्तुतिकरण विशेष सराहनीय रहा।

समारोह में बोलते हुए त्रिनिदाद एवं टोबैगो के पूर्व राष्ट्रपति एन्थोनी थाॅमस अकीनास कार्मोना ने कहा कि विश्व के ढाई अरब बच्चों को सुरक्षित भविष्य का अधिकार दिलाना एक ऐसा मुद्दा है जो विश्व में एकता, शान्ति व सौहार्द की स्थापना से ही संभव है। अतः प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था विश्व समुदाय के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है। इस अवसर पर काउन्सिल फाॅर द इण्डियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (सी.आई.एस.सी.ई.), नई दिल्ली के चीफ एक्जीक्यूटिव एवं सेक्रेटरी श्री गैरी अराथून ने सम्मेलन की अभूतपूर्व सफलता की कामना करते हुए कहा कि यह सम्मेलन नवीन विश्व व्यवस्था की स्थापना में मील का पत्थर साबित होगा।

इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने सम्मेलन में प्रतिभाग कर रहे सभी 63 देशों के न्यायविद्ों, कानूनविद्ों व अन्य गणमान्य हस्तियों के प्रति हार्दिक आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि विश्व के न्यायमूर्तियों ने आज यह अहसास करा दिया है कि एकता, शान्ति व बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु वे कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेंगे। डा. गाँधी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सी.एम.एस. के 56,000 छात्रों की अपील पर 63 देशों के न्यायविदों, कानूनविद्ों व अन्य गणमान्य हस्तियों जैसे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद अध्यक्ष आदि का इस सम्मेलन में आॅनलाइन प्रतिभाग करना न सिर्फ सी.एम.एस. के लिए अपितु लखनऊवासियों के लिए गर्व का विषय है।

डा. गाँधी ने बताया कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाली कुछ प्रख्यात हस्तियों में क्रोएशिया के पूर्व राष्ट्रपति श्री स्टीपन मेसिक, हैती के प्रधानमंत्री श्री जीन हेनरी सिएन्ट, हैती के पूर्व राष्ट्रपति जोसलर्मे प्रिवर्ट, लेसोथो के पूर्व प्रधानमंत्री डा. पकालिथा बी. मोसिलिली, माॅरीशस के पूर्व राष्ट्रपति श्री कासम उतीम, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति श्री कगामा मोटलैन्थ, घाना के संसद अध्यक्ष प्रो. एरोन मिशैल ओकाये, सेन्ट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक के संसद अध्यक्ष श्री मोउसा लारेन्ट नगान बाबा, कम्बोडिया के वरिष्ठ मंत्री एंग वांग वथाना, इण्टरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, नीदरलैण्ड के न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री एन्टोनी केसुआ-एमबीई मिन्डुआ, ताईवान के शान्ति संगठन फोपाल के प्रेसीडेन्ट डा. हांग ताओ जी एवं जापान के शान्ति संगठन ब्याको शिंको काई की प्रेसीडेन्ट सुश्री मसामी सायोन्जी आदि प्रमुख हैं।

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों में अफगानिस्तान, अल्जीरिया, अर्जेन्टीना, आस्ट्रेलिया, बेनिन, भूटान, बोलिविया, बोस्निया एण्ड हर्जेगोविना, ब्राजील, कैमरून, सेन्ट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कम्बोडिया, कोमोरोस, कांगो, कोस्टारिका, क्रोएशिया, इक्वाडोर, इजिप्ट, इश्वातिनी, फिजी, जर्मनी, घाना, गुयाना, हैती, इजराइल, इटली, जापान, किर्गिज रिपब्लिक, लिेसोथो, लीबिया, मलावी, माल्टा, माॅरीशियाना, माॅरीशस, मैक्सिको, मंगोलिया, मोरक्को, मोजाम्बिक, नेपाल, नीदरलैण्ड, पेरू, फिलीपीन्स, रूस, सियरा लिओन, स्लोवेनिया, सोमालिया, साउथ अफ्रीका, साउथ कोरिया, साउथ सूडान, सूडान, सूरीनाम, स्विटजरलैण्ड, ताईवान, तंजानिया, थाईलैण्ड, टोगो, त्रिनिदाद एण्ड टोबैगो, टर्की, यूनाइटेड किंगडम, युगांडा, यू.एस.ए, जाम्बिया एवं भारत प्रमुख हैं।

श्री शर्मा ने बताया कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन के अन्तर्गत न्यायविद्ों की परिचर्चा का दौर कल 7 नवम्बर से प्रारम्भ होगा। कल, 7 नवम्बर, शनिवार को सम्मेलन के दूसरे दिन के प्रातःकालीन सत्र में प्रातः 10.00 बजे राज्यसभा सदस्य श्री सुधांशु त्रिवेदी, अपरान्हः 2.00 बजे राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र एवं  सायं कालीन सत्र में सायं 7.00 बजे श्री हृदय नारायण दीक्षित, विधानसभा अध्यक्ष, उ.प्र. अपनी गरिमामय आॅनलाइन उपस्थिति दर्ज करायेंगे।

 

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