भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली का मानना है कि कोरोना वायरस महामारी (COVID-19 Pandemic) के बीच टूर्नामेंट की लंबाई पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक बायो बबल में रहने से खिलाड़ियों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। कोरोना के कारण इंडियन प्रीमियर लीग का 13 वां संस्करण संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में खेला जा रहा है। कोहली, आइपीएल 2020 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) का नेतृत्व कर रहे हैं। आरसीबी आज शाम को एलिमिनेटर में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) से भिड़ेगी।
आरसीबी द्वारा ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कोहली ने कहा कि बायो बबल में सभी लोग एक साथ रह रहे हैं। यह अच्छी बात है, लेकिन यहां चीजें दोहराती हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक बायो बबल में रहने में ज्यादा दिक्कत नहीं आई है। टीम का माहौल अच्छा रहा है। हमने एक साथ खेलने का लुत्फ उठाया है। बायो बबल में हमने अच्छा समय गुजारा है, लेकिन कुछ समय बाद दिक्कत होने लगती है, क्योंकि वही चीजें बार-बार दोहराती हैं। बता दें कि आइपीएल के खत्म होने के तुरंत बाद टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर जाना है।
कोहली ने आगे कहा कि बायो बबल में खिलाड़ी कुछ जगहों तक सीमित रह जाते हैं। वे परिवार से नहीं मिल पाते। ऐसे में इन बातों पर विचार करना होना चाहिए कि टूर्नामेंट या सीरीज कितनी लंबी हो। 80 दिनों तक एक जैसे माहौल में रहने का खिलाड़ियों के मानसिक स्थिति पर क्या असर हो रहा है। अंत में, आप चाहते हैं कि खिलाड़ी मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हों। मुझे लगता है कि अगर इसी तरह लंबे टूर्नामेंट होते रहे तो खिलाड़ियों की मानसिक स्थिति पर काफी बुरा प्रभाव पड़ेगा।
कोहली ने इस बात पर जोर दिया कि खिलाड़ियों के साथ बातचीत नियमित रूप से होनी चाहिए। खिलाड़ी कैसा महसूस कर रहे हैं इस पर बायो बबल आधारित होना चाहिए। बता दें कि कोहली की टीम आज शाम को एलिमिनेटर 1 में डेविड वार्नर की कप्तानी वाली हैदराबाद से भिड़ेगी। हारने वाली टीम टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी। जबकि, मैच जीतने वाली टीम का मैच क्वालीफायर 2 में दिल्ली कैपिटल्स से होगा।