एम. डी. रंगनाथ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि वे 16 नवंबर तक अपने पद पर बने रहेंगे. आईटी दिग्गज ने शनिवार को यह जानकारी दी. इंफोसिस ने शनिवार को यहां एक बयान में कहा, “कंपनी के निदेशक मंडल ने रंगनाथ का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. वह अपने पद पर 16 नवंबर तक बने रहेंगे. निदेशक मंडल अपने सीएफओ की तलाश करेगी.” बताया जा रहा है कि रंगनाथ ने नए क्षेत्रों में अवसरों की तलाश के लिए इस्तीफा दिया है. रंगनाथ ने कहा कि उन्होंने 10.9 अरब डॉलर मूल्य वाली वैश्विक कंपनी में 18 सालों से ज्यादा समय तक काम किया है और पिछले तीन सालों से वह कंपनी में सीएफओ के महत्वपूर्ण पद पर थे.
रंगनाथन ने एक बयान में कहा, “मैं प्रतिष्ठित फर्म का सीएफओ के रूप में सेवा करने का अवसर देने के लिए आभारी हूं. मुझे यह भी गर्व है कि इसके महत्वपूर्ण चरण के दौरान, हमने मजबूत वित्तीय परिणाम दिया, अपनी प्रतिस्पर्धी स्थिति को मजबूत किया और अपने हितधारकों के मूल्य को बढ़ाया.” रंगनाथ (55) पिछले छह सालों में कंपनी को छोड़कर जानेवाले तीसरे सीएफओ हैं. इससे पहले सीएफओ वी. बालाकृष्णन को पदोन्नत करके निदेशक मंडल में शामिल कर लिया और कंपनी के बैक ऑफिस ऑपरेशन (इंफोसिस बीपीओ) का 2012 के अक्टूबर में प्रमुख बना दिया गया.
बालाकृष्णन ने इसके बाद 2013 के दिसंबर में कंपनी छोड़ दी थी. बालाकृष्णन के बाद राजीव बंसल को 2012 के नवंबर में सीएफओ बनाया गया, लेकिन 2015 के अक्टूबर में उन्होंने कंपनी के सहसंस्थापकों और पिछले निदेशक मंडल के साथ गवर्नेस के मुद्दे पर मतभेद के कारण इस्तीफा दे दिया था. इंफोसिस के सह-संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति ने बंसल को कंपनी छोड़ने पर दिए गए भारी मुआवजे का कड़ा विरोध किया था. बंसल कंपनी द्वारा अमेरिका की पानाया सॉफ्टवेयर कंपनी का 2015 के फरवरी में ‘बेहद महंगी’ दर पर किए गए अधिग्रहण के दौरान सीएफओ थे.
उस समय कंपनी के गैर-प्रमोटर मुख्य कार्यकारी विशाल सिक्का थे, जिन्होंने इस सौदे को लेकर हुए विवाद के बाद 2017 में 18 अगस्त को इस्तीफा दे दिया था. कंपनी की 37वीं सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, रंगनाथ का सालाना पैकेज वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 7.98 करोड़ रुपये था, जिसमें 7.03 करोड़ रुपये वेतन के रूप में और बाकी अन्य भत्तों के रूप में दिया गया. सीएफओ के योगदान पर कंपनी के सह-संस्थापक और निदेशक मंडल के अध्यक्ष नंदन नीलेकणी ने कहा कि रंगनाथ ने कंपनी के विकास और सफलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
नीलेकणी ने कहा, “अपने 18 साल के लंबे करियर में मैंने रंगनाथ को नेतृत्व की भूमिका में देखा, उन्होंने विशेष योग्यता के साथ परिणाम दिए. उनके सीएफओ के कार्यकाल के दौरान कंपनी ने लचीला वित्तीय प्रदर्शन किया, पूंजी आवंटन नीति लागू की और उन्नत मूल्यवर्धन को लेकर हितधारकों का सम्मान अर्जित किया.” कंपनी के मुख्य कार्यकारी सलिल पारेख ने कहा कि वह पिछली कुछ तिमाहियों से कंपनी की रणनीतिक दिशा को लेकर रंगनाथ के साथ मिलकर काम कर रहे थे.