तदर्थ बोनस भुगतान से सरकार पर 1022.75 करोड़ का आएगा व्ययभार
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में प्रदेश सरकार ने राजकीय विभागों के कार्य प्रभारित कर्मचारियों, सहायता प्राप्त शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, स्थानीय निकायों के कर्मचारियों तथा राज्य सरकार के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को वर्ष 2019-20 के लिए 30 दिन के तदर्थ बोनस के भुगतान करने का निर्णय किया है। इस निर्णय से कुल लगभग 15 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। सरकार के प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि तदर्थ बोनस की सुविधा अपुनरीक्षित वेतनमानों में ग्रेड वेतन 4800 रुपये (पुनरीक्षित में वेतन मैट्रिक्स लेवल-8) तक के पद पर कार्यरत अराजपत्रित कर्मचारियों को अनुमन्य होगी।
तदर्थ बोनस के रूप में मासिक परिलब्धियों की अधिकतम सीमा 7,000 रुपये होगी तथा एक माह में औसत दिनों की संख्या 30.4 के आधार पर 31 मार्च, 2020 को ग्राह्य परिलब्धियों के अनुसार 30 दिन की परिलब्धियां आगणित की जाएगी। इस प्रकार एक कर्मचारी को अधिकतम 6,908 रुपये बोनस के रूप में अनुमन्य होगा। प्रवक्ता ने बताया कि तदर्थ बोनस की 75 प्रतिशत धनराशि भविष्य निधि खाते में जमा की जाएगी तथा शेष 25 प्रतिशत का भुगतान नकद किया जाएगा। जो कर्मचारी भविष्य निधि खाते के सदस्य नहीं हैं, उन्हें धनराशि एनएससी के रूप में प्रदान की जाएगी। तदर्थ बोनस भुगतान से राज्य सरकार पर कुल 1022.75 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा।