केंद्रीय कर्मचारियों का इतंजार और बढ़ गया है. 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सातवें वेतन आयोग के तहत मिलने वाली सैलरी का ऐलान नहीं किया. मतलब यह कि सैलरी में इजाफा कब से और कितना होगा इसके लिए अभी इंतजार करना होगा. केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि 15 अगस्त को लाल किले से पीएम मोदी उन्हें खुशखबरी देंगे, लेकिन एक बार फिर उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब केंद्रीय कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी होगी. 2016 में वेतन आयोग की सिफारिशों के ऐलान के बाद से अब तक 5 बार ऐसा हो चुका है. अब केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद है कि नए साल में उन्हें यह तोहफा जरूर मिलेगा, क्योंकि अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं.
दिवाली या नए साल पर हो सकता ऐलान!
50 लाख कर्मचारियों को निराश करने के बाद अब केंद्र सरकार उन्हें दिवाली या नए साल के आसपास यह तोहफा दे सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार आगामी चुनाव को देखते हुए तैयारी करना चाहती है. एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि सरकार के एजेंडे में फिलहाल सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें नहीं हैं. सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि वह सही समय पर सातवें वेतन आयोग का ऐलान करेगी.
क्या होगा केंद्रीय कर्मचारियों का अगला कदम
सरकार के 15 अगस्त पर ऐलान नहीं होने से अब सवाल यही है कि केंद्रीय कर्मचारी का अगला कदम क्या होगा? क्या केंद्रीय कर्मचारी हड़ताल करेंगे या कुछ और. इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार पर कितना भरोसा है? क्योंकि, पिछली कई बार से उनकी उम्मीदें टूटी हैं, हालांकि, उन्हें अब भी न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी का इंतजार है. साथ ही अहम सवाल यह भी है कि क्या उनकी मांग मुताबिक सैलरी में इजाफा होगा या नहीं?
15 अगस्त पर नहीं थी उम्मीदें
उधर, कर्मचारी यूनियन का कहना है कि 15 अगस्त पर उम्मीदें टूटने जैसा कुछ नहीं है. उम्मीद है सरकार सही समय पर वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने का ऐलान करेगी. 15 अगस्त पर ऐलान होने की संभावनाएं पहले से कम थीं, मीडिया और अफवाहों की वजह से ऐसी खबरों को ज्यादा तवज्जो दी गई. हालांकि, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि बीजेपी शासित राज्यों द्वारा घोषित 7वें वेतन आयोग के लाभों को देखते हुए उम्मीदें ज्यादा थीं. केंद्रीय कर्मचारियों को भी उनके वेतन में बढ़ोतरी की उम्मीद थी.
सही समय पर होगा ऐलान
एक रिटायर्ड केंद्रीय कर्मचारी के मुताबिक, NDA सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह न्यूनतम वेतन में और बढ़ोतरी पर विचार नहीं कर रही है. इसके बाद यह चर्चा बंद हो जानी चाहिए. सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का ऐलान सही समय पर ही होगा. कुछ समय पहले ही वित्त राज्यमंत्री पी राधाकृष्णन ने कहा था कि सरकार फिलहाल न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी पर विचार नहीं कर रही है. हालांकि, भविष्य में वेतन वृद्धि जरूर की जाएगी. तब तक इसकी चर्चा करना मुनासिब नहीं है