ऑफिस का नाम जहन में आते ही अक्सर लोगों के मन में काम के दवाब का विचार आता है. ऑफिस से छूटने के बाद भी अपने वरिष्ठ को जवाब देना होता है, कई बार देर रात तक जगकर भी काम करना होता है. ऊपर से काम की वजह से नींद पूरी न होने के बावजूद सुबह जल्दी उठकर ऑफिस जाने का दवाब. कई बार तो रात को उठकर ईमेल का जवाब भी देना होता है. कितनी जद्दोजहद भरी और तनाव वाली दिनचर्या हो जाती है. लेकिन अमेजन इंडिया ने अपने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है.
अमेजन इंडिया के कंट्री मैनेजर ने अपने कर्मचारियों को भेजे एक आधिकारिक संदेश में कहा है कि कर्मचारी को शाम 6 बजे से लेकर सुबह 8 बजे तक ऑफिस से संबंधित किसी भी तरह के काम के सिलसिले में फोन कॉल या ई-मेल का जवाब देने की जरूरत नहीं है. ऐसा करना आप बंद कर दें. आप इस दौरान आराम करें या खुद के अनुसार जिएं.
ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक, अमेजन इंडिया के कंट्री मैनेजर अमित अग्रवाल ने अपने प्रस्ताव में कहा है- लॉग ऑफ, गेट अ लाइफ. अग्रवाल ने बीते दिनों इससे संबंधित एक ईमेल अपने कर्मचारियों को भेजा.
अग्रवाल का कहना है कि कामकाज और निजी जिंदगी के बीच तालमेल बिठाने के लिए ऐसा करना जरूरी है. उन्होंने ईमेल में कामकाज से जुड़े अनुशासन का भी जिक्र किया और लिखा कि कैसे दोनों के बीच आप एक लकीर खींच सकते है.
अग्रवाल के इस बेहतरीन सोच की सोशल मीडिया और वॉट्सऐप ग्रुप पर भी जोरदार चर्चा है. अमेजन इंडिया के इस पहल को लेकर काफी लोग आश्चर्यचकित भी हैं, क्योंकि अमेजन के कार्य संस्कृति में कड़ी मेहनत का ट्रेंड रहा है. साथ ही अग्रवाल की इस सोच को कंपनी के लिए अधिक फलदायक बताया जा रहा है. अग्रवाल इससे पहले जेफ बेजोस के सीईओ रह चुके हैं, जहां कर्मचारी अग्रवाल को बहुत पसंद करते थे.
अमेजन इंक के लिए 130 करोड़ की आबादी वाला देश भारत कारोबार के लिहाज से एक विशाल रणक्षेत्र बन चुका है. कंपनी ने यहां अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 5.5 अरब डॉलर का निवेश करने की तैयारी की है. हाल में अमेजन भारत की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को खरीदने में वॉलमार्ट से पिछड़ गई थी.
कर्मचारियों के अत्यधिक कामकाज को लेकर मनोवैज्ञानिक, नींद प्रयोगशालाओं और प्रजनन क्लीनिक ने कर्मचारियों के ऊपर काम के अत्यधिक दवाब से होने वाले नुकसान को लेकर चिंता जताई है. जाने-माने मनोचिकित्सक डॉ. एस. कल्याणसुंदरम का कहना है कि काम के दबाव से लोगों में नींद न आना, अवसाद (डिप्रेशन) और आत्महत्या करने की सोचने की प्रवृति में इजाफा हो रहा है.
यही वजह है कि आज तकनीकी कंपनी में काम करने वाले 25 से 28 साल के युवाओं में भी हार्ट अटैक जैसे रोग का खतरा बढ़ रहा है. ऐसा मैंने अपने 40 साल के इस पेशे में पहले कभी नहीं देखा.
कई लोगों का मानना है कि अमेजन इंडिया के अमित अग्रवाल का यह आइडिया एक प्रेरणा बन सकती है लेकिन इसे अमल में लाए जा सकने को लेकर कुछ कह पाना मुश्किल है