विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हाथरस गैंगरेप पीड़िता के देर रात दाह संस्कार पर सवाल उठाए हैं। सूत्रों ने बताया कि हाथरस मामले की अपनी रिपोर्ट में 3 सदस्यीय टीम ने लड़की के दाह संस्कार के लिए की गई व्यवस्था पर सवाल उठाया है। यूपी सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल ने सोमवार को एक 19 वर्षीय दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। सूत्रों के अनुसार, लड़की के देर रात दाह संस्कार में शामिल उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा सकती है जो उसके परिवार की अनुमति के बिना आयोजित किए गए थे।
3 सदस्यीय टीम ने दो एक्सटेंशन के बाद एक रिपोर्ट प्रस्तुत की। टीम का नेतृत्व यूपी के गृह सचिव भगवान स्वरूप कर रहे हैं और इसमें डीआईजी चंद्रप्रकाश और आईपीएस अधिकारी पूनम शामिल हैं। एसआईटी को पहली बार 7 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इसे दो एक्सटेंशन दिए गए थे।
हाथरस में 19 साल की लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत से जुड़े घटनाक्रम। दलित लड़की के साथ 14 सितंबर को एक खेत के अंदर चार सवर्णों द्वारा कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था और उसे मरने के लिए छोड़ दिया गया था। यूपी में प्रारंभिक उपचार के बाद लड़की को सफदरजंग अस्पताल में भेज दिया गया। इस घटना ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और लोगों ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधा। भारी आक्रोश के बीच, सरकार ने मामले की जांच के लिए एक SIT का गठन किया। बाद में, जांच की बागडोर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंप दी गई।