सेवानिवृत्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जयराज द्वारा सेवानिवृत्ति से पहले सितंबर व अक्टूबर में किए गए सभी तबादले शासन ने निरस्त कर दिया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव वन आनंद बर्द्धन ने मंगलवार को आदेश जारी कर दिए। बता दें कि बीते रोज वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने शून्य सत्र और बिना अनुमोदन के किए गए इन तबादलों को निरस्त करने के आदेश प्रमुख सचिव को दिए थे।
गौरतबल है कि वन विभाग के सेवानिवृत्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) जयराज द्वारा सेवानिवृत्ति से पहले विभाग में रेंजर से लेकर फॉरेस्ट गार्ड तक के ताबड़तोड़ किए गए तबादलों को वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने निरस्त कर दिया है। मंत्री के आदेशों के क्रम में शासन ने इन तबादलों को लेकर परीक्षण भी शुरू कर दिया है। पीसीसीएफ जयराज 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हुए, लेकिन इससे पहले उनके द्वारा विभाग में एक के बाद एक तबादले कर दिए गए। राजाजी नेशनल पार्क से ही दो दर्जन कार्मिकों के तबादला आदेश उनके स्तर से जारी किए गए। इसके अलावा कार्बेट नेशनल पार्क के साथ ही विभिन्न वन प्रभागों में बड़ी संख्या में रेंजर से लेकर फॉरेस्ट गार्ड स्तर तक के कर्मियों के स्थानांतरण किए गए। हैरत की बात ये कि तबादला आदेश तो किए गए, लेकिन स्थानांतरित कर्मियों के स्थान पर प्रतिस्थानी नहीं भेजे गए।
स्थानांतरण के लिहाज से शून्य सत्र होने के बावजूद हुए इन तबादलों को लेकर सवाल उठे। राजाजी पार्क में हुए तबादलों के सिलसिले में शासन से बाकायदा शिकायत भी हुई। वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने सोमवार को सेवानिवृत्त पीसीसीएफ जयराज द्वारा किए गए सभी तबादलों को निरस्त करने के आदेश प्रमुख सचिव वन को दिए थे। उन्होंने कहा कि इन तबादलों के कारण विकट स्थिति उत्पन्न हो गई थी। किसी क्षेत्र में चार की जगह छह रेंजर हो गए थे तो कहीं क्षेत्र खाली होने की स्थिति पैदा हो गई थी।