छत्तीसगढ़ में अक्टूबर-2019 की तुलना में इस बार जीएसटी संग्रहण में 26 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जीएसटी संग्रहण में वृद्धि के मामले में छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश देश के बड़े राज्यों की सूची में संयुक्त रूप से पहले स्थान पर हैं। इससे पहले सितंबर में भी राज्य में बीते वर्ष की तुलना में 24 फीसद अधिक जीएसटी संग्रहण हुआ था। केंद्रीय वित्त मंत्रालय से जारी सूची के अनुसार प्रदेश में पिछले वर्ष अक्टूबर में 1,570 करोड़ का जीएसटी संग्रहण हुआ था। इस साल अक्टूबर में 404 करोड़ बढ़कर यह आंकड़ा 1974 करोड़ रहा।
वित्तीय जानकार इसे कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपलब्धि मान रहे हैं। वित्त मंत्रालय का काम भी मुख्यमंत्री के पास है। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के ग्रामीण और वन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियां लगातार चलती रहीं। किसान न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के 19 लाख किसानों को नियमित अंतराल में धान बिक्री का 4,500 करोड़ रुपये मिला है। गोधन न्याय योजना के जरिये भी किसानों और पशुपालकों से गोबर की खरीदी कर करीब 40 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
जीएसटी मंत्री टीएस सिंहदेव की पहल पर कोरोना काल में गांवों में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने मनरेगा का क्रियान्वयन प्रभावी तरीके से किया गया। इसके फलस्वरूप गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही। लोगों की जेब में पैसा आने से इसका लाभ उद्योग और व्यापार जगत को भी मिला।
वनांचलों में भी इस दौरान स्वसहायता समूह वनोपज की खरीदी कर रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान रियल एस्टेट सेक्टर को सक्रिय बनाए रखने के लिए जमीनों की खरीदी-बिक्री की शासकीय गाइडलाइन दरों में 30 फीसद की छूट दी गई। ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी बेहतर कारोबार हुआ।लॉकडाउन के दौरान भी प्रदेश की कोयला खदानों और इस्पात उद्योगों में उत्पादन जारी रहा।