प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेते हुए इमरान खान उर्दू के कई शब्दों के उच्चारण में अटके और कई शब्द गलत पढ़े. इसके बाद से उनकी सोशल मीडिया पर जमकर खिंचाई हो रही है. बता दें कि शनिवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन ऐवान-ए-सद्र में राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 65 वर्षीय चेयरमैन इमरान खान को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
पारंपरिक शेरवानी पहने इमरान खान शपथ ग्रहण के दौरान कुछ नर्वस नजर आए और उर्दू शब्दों के उच्चारण में कई बार अटके. जब राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने ‘रोज-ए-कयामत’ (फैसले का दिन) कहा, तो खान ने इसे ठीक से सुना नहीं और इसका गलत उच्चारण ‘रोज-ए-कियादत’ (नेतृत्व का दिन) किया. इसने पूरे वाक्य का अर्थ बदल दिया.
पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने जब शब्द दोहराया, तो खान को अपनी गलती का एहसास हुआ और मुस्कुराते हुए उन्होंने ‘सॉरी’ कहा और शपथ ग्रहण जारी रखा. रिपोर्ट के मुताबिक कुछ पाकिस्तानी पत्रकारों ने यह भी अटकल लगाई कि क्या पिछले वर्षों के मुकाबले प्रधानमंत्री का शपथ पत्र बदल गया है.
वहीं, उर्दू के शब्दों पर अटकने को लेकर सोशल मीडिया पर इमरान खान की खिंचाई शुरू हो गई है. एक ट्विटर यूजर जसीम खान ने कहा, ‘मुझे इमरान खान के शपथ का वीडियो देखकर बहुत खराब लगा, क्योंकि आप एक मुस्लिम हैं और आप उर्दू के शब्द नहीं बोल पाए, वो भी ऐसा शब्द जिस पर हमारा इमान है.’ एक यूजर ने कहा कि इमरान खान के लिए उर्दू काफी कठिन है.
माहम मसूद नामक एक यूजर ने कहा कि इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह ने मुझे उस समय की याद दिला दी, जब मेरे उर्दू के टीचर मुझसे क्लास को पढ़ाने के लिए कहते.’