कोरोना योद्धा डॉ.सूर्यकान्त को स्वास्थ्य मंत्री ने किया सम्मानित

प्रदेश के 58 एल-2 अस्पतालों के उपचाराधीन का हर रोज ऑनलाइन कर रहे मदद

लखनऊ : कोविड-19 जैसी महामारी से प्रदेश की जनता को उबारने में पिछले आठ माह से पूरी सक्रियता से जुटे किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने सम्मानित किया है । कोविड के मामले जैसे ही देश में सामने आने शुरू हुए थे उसी वक्त से मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों के जरिये लोगों को बचाव के बारे में जागरूक करने में जुटे डॉ. सूर्यकान्त के प्रयासों को स्वास्थ्य मंत्री ने सराहा है। अभी हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें सम्मानित करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने उम्मीद जताई है कि स्वास्थ्यगत मुद्दों पर आगे भी उनका इसी तरह का सहयोग मिलता रहेगा। ​डॉ. सूर्यकान्त प्रदेश के 58 एल-2 कोविड अस्पतालों के लिए वर्चुअल आईसीयू सेवाओं की देखरेख के प्रभारी के रूप में प्रतिदिन वर्चुअल राउंड के जरिये स्वास्थ्य कर्मियों और उपचाराधीन की देखभाल और इलाज में मदद पहुंचा रहे हैं । इसके अलावा वह केजीएमयू की कोरोना सम्बन्धी कई समितियों जैसे- कोरोना टास्क फ़ोर्स, कोविड आईसीयू और वेंटिलेटरी समिति, कोविड-19 मृत्यु लेखा समिति व आईसीयू और वेंटिलेटरी प्रशिक्षण समिति के सदस्य की भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वह कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के राष्ट्रीय ट्रेनर के रूप में भी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। इसके अलावा वेबिनार, सोशल मीडिया और प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया के जरिये भी अपने ज्ञान से लोगों को इस मुश्किल वक्त में उबारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

कोरोना काल में 100 से अधिक लेख प्रकाशित : कोरोना जैसे नए व अदृश्य वायरस से लोगों को बचाने और जागरूक करने से सम्बंधित करीब 100 लेख डॉ. सूर्यकान्त ने लिखे हैं। 50 से अधिक वेबिनार लेक्चर दिए हैं, दूरदर्शन, आकाशवाणी, एफएम रेडियो व अन्य टीवी चैनलों पर समय-समय पर साक्षात्कार के जरिये लोगों को जागरूक किया है। इसके अलावा फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर जागरूकता सम्बन्धी वीडियो डालकर लोगों को कोरोना से बचाने में अहम् योगदान दिया है।

कोरोना से बचने के लिए सावधानी अपनाएं : ​डॉ.सूर्यकान्त का शुरू से कहना है कि इस महामारी से खुद के साथ दूसरों को भी सुरक्षित बनाने के लिए जरूरी है कि जब भी बाहर निकलें मास्क से नाक व मुंह को अच्छी तरह से ढककर रखें, एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखें और बार-बार हाथों को साबुन-पानी से 40 सेकेण्ड तक धोते रहें। इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बरक़रार रखने के लिए खानपान, व्यायाम, योग आदि अपनाने की सलाह देने में वह शुरू से देने में जुटे हैं।

भेदभाव व तिरष्कार ठीक नहीं : ​डॉ.सूर्यकांत मीडिया के जरिये शुरू से लोगों से यही अपील करने में जुटे हैं कि इस मुश्किल वक्त में मदद को हर पल तैयार चिकित्सकों, एम्बुलेंस कर्मियों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करें न कि उनके साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार करें। इसके अलावा कोई भी करीबी, पडोसी या सहयोगी कोरोना पाजिटिव हो जाता है तो उसके साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार या तिरष्कार का भाव मन में भी न लायें क्योंकि यह ऐसा वायरस है जो कभी भी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है। इसलिए ऐसे मुश्किल वक्त में उनका साथ दें जिससे वह कोरोना को जल्दी से जल्दी मात दे सकें क्योंकि इसकी चपेट में आने के बाद लोगों की सबसे बड़ी समस्या यही रहती है कि लोग क्या कहेंगे।

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