योगी ने बाबा विश्वनाथ और कालभैरव के दरबार में लगाई हाजिरी, कॉरिडोर का किया निरीक्षण

शहर में निर्माणाधीन विकास कार्यों का किया स्थलीय निरीक्षण, देर रात लौटे लखनऊ

वाराणसी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार की देर शाम काशी के कोतवाल कालभैरव और बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। एक दिवसीय दौरे मेंं आये मुख्यमंत्री ने शहर में चल रहे निर्माणाधीन कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी किया। अफसरों को आवश्यक दिशा निर्देश देने के बाद रात में ही वे वापस लखनउ लौट गये। सर्किट हाउस में विकास कार्यो और कानून व्यवस्था की समीक्षा करने के बाद मुख्यमंत्री ने पहले 50.17 करोड़ रुपये लागत से निर्माणाधीन आशापुर आरओबी का निरीक्षण किया। इसके बाद जापानी पद्धति से निर्माणाधीन रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर का स्थलीय निरीक्षण कर कार्य में और गति लाने का निर्देश दिया। यहां अफसरों ने मुख्यमंत्री को बताया कि रुद्राक्ष कन्वेंशन सेण्टर इसी वर्ष के अन्त तक पूर्ण हो जाएगा, जिसका रख-रखाव नगर निगम करेगा। यहां से मुख्यमंत्री काशी के कोतवाल कालभैरव के दरबार में पहुंचे और दर्शन पूजन किया।

कालभैरव का दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री काशी विश्वनाथ मन्दिर में पहुंचे और बाबा के सप्त ऋषि आरती में शामिल हुए। आरती के पश्चात उन्होंने काशी विश्वनाथ का विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन किया। पूजन के पश्चात मुख्यमंत्री मंदिर परिक्षेत्र स्थित शनि मंदिर, अक्षय वट, हनुमान मंदिर होते हुए ज्ञानवापी मंडप पहुंचे। मंदिर परिसर के चारों ओर हो रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने रानी भवानी उत्तरी प्रवेश द्वार पर चुनार के लाल बलुआ पत्थरों को तराश कर बनाए जा रहे नए प्रदक्षिणा मार्ग और भव्य प्रवेश द्वार के डिजाइन को देखा। मुख्यमंत्री ने पत्थरों पर तराशी गई नक्काशी का भी अवलोकन किया। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री काशी विश्वनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों को देखने के लिए गंगा तट तक गए। मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी सहित कई निर्माण कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी ली।

इस दौरान मण्डलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। बारिश के पश्चात जेट्टी का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री मणिकर्णिका घाट पर बने रैंप से होते हुए मणिकर्णिका घाट, जलासेन और ललिता घाट पर गए। उन्होंने जेट्टी के निर्माण कार्य के बारे जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मां गंगा को प्रणाम करते हुए आचमन किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य समय पर गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरे किए जाएं। इस दौरान मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बताया कि जलासेन घाट पर बने पुराने निर्माण को संरक्षित किया जाएगा। साथ ही गोयनका लाइब्रेरी को भी संरक्षण करने की योजना बनाई गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मन्दिरों सहित पुरानी धरोहरों को संरक्षित करने के निर्देश दिए। इस दौरान प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0 नीलकंठ तिवारी, स्टाम्प एवं न्यायालय शुल्क, पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल व विधायक भी मौजूद रहे।

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