उत्तर प्रदेश की राजनीति को गरमा देने वाले हाथरस के बूलगढ़ी गांव में दलित युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पीड़ित परिवार की सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई है। शनिवार को यहां पहुंची सीआरपीएफ की बटालियन ने गांव तथा पीड़िता के घर की सुरक्षा व्यवस्था का खाका खींचने के बाद मोर्चा संभाल लिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही पीड़ित परिवार की सुरक्षा में पीएसी को तैनात करने के साथ ही उनके घर पर मेटल डिडेक्टर तथा सीसीटीवी कैमरा भी लगवाया था। अब पीड़ित परिवार की सुरक्षा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के 80 जनाव तैनात हैं। हाथरस के चंदपा कोतवाली क्षेत्र के बुलगढ़ी गांव में सीआरपीएफ की 239 बटालियन ने मोर्चा संभाल लिया है। रविवार से अब सीआरपीएफ के 80 जवान पीडि़त परिवार की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। मृतका के स्वजन की सुरक्षा में 80 जवान लगाए गए हैं।
कमांडेंट मनमोहन सिंह ने शनिवार को गांव का जायजा लिया था। कुछ प्वाइंट भी बनाए, जहां जवानों को सुबह से ही तैनात किया गया है। यह सभी देर रात हाथरस पहुंचे थे। इनकी ड्यूटी रोस्टर के अनुसार लगाई जाएगी। इससे पहले सीआरपीएफ के कमांडेट मनमोहन सिंह रामपुर से शनिवार को हाथरस पहुंचे।
यहां पर उन्होंने कोतवाली चंदपा के प्रभारी लक्ष्मण सिंह व सीओ ब्रह्मा सिह रोहई से मुलाकात कर सीआरपीएफ जवानों के ठहरने के स्थान जीएल डिग्री कॉलेज का निरीक्षण किया। उसके बाद पीड़ित के गांव पहुंचे और परिवार के लोगों से भेंट करने के साथ गांव का भ्रमण भी किया।
मनमोहन सिंह ने कहा कि मैंने एसपी साहब से भेंट कर ली है, अभी डीएम से मुलाकात करनी है। यहां पर रामपुर से हमारे जवान आ गए हैं। उनके रहने की व्यवस्था भी कर दी गई है। आज से पीड़ित परिवार पूरी तरह से सीआरपीएफ की सुरक्षा में रहेगा। सीआरपीएफ की टीम ने पीड़ित परिवार के के घर लगे सीसीटीवी कैमरे के कंट्रोल रूम का भी परीक्षण किया।