सपा सरकार में सैफई दिखता था, अब सिर्फ गोरखपुर
बीते दो साल में 500 से अधिक ब्राह्मणों की हत्याएं हुई
वाराणसी। जौनपुर में मल्हनी विधानसभा उपचुनाव में जैसे जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है वैसे वैसे ही सियासी पारा भी गरमाने लगा है। अब जब मतदान में मात्र 24 घंटे ही बचे है तो सारी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोक दी है। बसपा के भाईचारा समिति के प्रभारी एवं राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र के बेहद करीबी महेन्द्र कुमार पांडेय ने जीत पक्की कराने के लिए अपने सहयोगी नेताओं के साथ डेरा डाल दिया है। एक मुलाकात के दौरान श्री पांडेय ने क्षेत्र के जातीय समीकरणों का हवाला देते हुए दावे के साथ कहा उनके प्रत्याशी जयप्रकाश दुबे का मुकाबला भाजपा से है। सपा तो अपने वजूद की लड़ाई लड़ रही है। श्री पांडेय ने कहा कि दलित, ब्राह्मण, मुस्लिम सहित अन्य जातियों की सोशल इंजिनियरिंग का हवाला देते हुए कहा कि मल्हनी क्षेत्र में कुल 55000 ब्राह्मण है, जो भाजपा से इसलिए खफा है कि उन्हें चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है, उनके नेताओं की हत्या व फर्जी मुकदमों में उत्पीड़न किया जा रहा है। यूपी में बीते दो साल में 500 से अधिक ब्राह्मणों की हत्याएं हुई हैं। यही वजह है कि ब्राह्मणों ने भाजपा को सबक सिखाने के लिए मन बना लिया है। खासकर सतीश मिश्रा जी के आगमन के बाद भाजपा को हराने के लिए ब्राह्मण समाज एकजुट है। जौनपुर से चार बार कांग्रेस से विधायक रहे सूर्यनाथ उपाध्याय के पोते अवनीश उपाध्याय ने सतीश मिश्रा जी को मजबूत करने के लिए बसपा ज्वाइन किया है। इसके अलावा इस क्षेत्र के 80 हजार दलित व 20 हजार मुस्लिमों के अलावा अन्य जातियों का भरपूर समर्थन मिल रहा है।
इस दौरान श्री पांडेय ने विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि विधायकों की खरीद फरोख्त समाजवादी पार्टी की पुरानी परंपरा रही है। इसके बावजूद वह राज्यसभा नहीं जीत पाई। उन्होंने कहा कि आज गुंडागर्दी माफिया गर्दी हो रही है। इसके पहले सपा सरकार में भी माफिया राज था। जबकि सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय को बहन जी ने ही अमलीजामा पहनाया था। लेकिन इस समय रोको और ठोको का राज चल रहा है। जब बीएसपी की सरकार थी, तब कानून का राज कानून से चलता था। बसपा सरकार में बाहुबली जेल में थे, बसपा सरकार के समय बीएसपी के एक सांसद ने किसानों की जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया था, जिसके बाद मायावती ने उन्हें अपने आवास बुलाकर पुलिस से गिरफ्तार करवा कर जेल भिजवाया था। सपा सरकार में सैफई दिखता था और अब गोरखपुर दिखाई दे रहा है। इन लोगों को बाकी प्रदेश से कोई मतलब नहीं। क्या 6 वर्ष में किसी के खाते में 15000 रुपए आए, इस सरकार ने दो करोड़ नौकरी देने के स्थान पर नौकरी छीनने का काम किया है। साल 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने ब्राह्मण$दलित$मुस्लिम समीकरण पर चुनाव लड़ा तो उसकी सरकार बन गई। बसपा ने इस चुनाव में 86 टिकट ब्राह्मणों को दिए थे।