कौड़ियाला-मुनिकीरेती ईको टूरिज्म जून राफ्टिंग सहित अन्य साहसिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण यहां छह महीने तक राफ्टिंग पूरी तरह से बंद रही। अब 26 सितंबर से राफ्टिंग खुल गई है। कोरोना काल में बाहर से आने वाले पर्यटकों की कोविड जांच की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। इसी के साथ यहां काम करने वाले 800 राफ्टिंग गाइड और व्यवसायियों पर कोरोना का खतरा बढ़ गया है। तीन दिन में यहां 29 राफ्टिंग गाइड संक्रमित हो चुके हैं। जिलाधिकारी टिहरी ने यहां काम करने वाले सभी राफ्टिंग गाइड की शत-प्रतिशत जांच के आदेश दिए हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे देश में जब जनता कर्फ्यू और उसके बाद लॉकडाउन लागू किया गया था तो गंगा में राफ्टिंग पर भी रोक लग गई थी। 26 सितंबर से यहां राफ्टिंग शुरू हुई। ऋषिकेश, कौडियाला से ऋषिकेश तक करीब 275 राफ्टिंग कंपनियां कार्य कर रही हैं। साहसिक गतिविधियों में छूट के दौरान राज्य सरकार ने विभिन्न राज्य से यहां आने वाले पर्यटकों की कोविड-19 जांच की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी, जिसके बाद गंगा में राफ्टिंग को लेकर छह महीने बाद सन्नाटा टूटा। इसके साथ ही यहां काम करने वाले राफ्टिंग गाइड, श्रमिक और कंपनी संचालकों पर कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा भी बढ़ गया।
28 अक्टूबर को यहां तीन राफ्टिंग गाइड की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। शुक्रवार तक यह संख्या 29 पहुंच गई है। उपजे हालात ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की चिंता को बढ़ा दिया है। जिलाधिकारी टिहरी ईवा श्रीवास्तव ने जनपद के सीएमओ समेत सभी जिम्मेदार अधिकारियों को यहां कार्यरत सभी राफ्टिंग गाइड समेत अन्य व्यक्तियों की शत-प्रतिशत जांच के आदेश जारी किए हैं।
सहयोग न करने पर होगा मुकदमा
जिलाधिकारी टिहरी के यहां से आदेश जारी होने के बाद उपजिलाधिकारी नरेंद्रनगर युक्ता मिश्रा के ने गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति को पत्र जारी किया, जिसमें उप जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि सभी राफ्टिंग गाइड, श्रमिक और व्यवसायियों कि कोविड-19 जांच होनी जरूरी है। अगर इस कार्य में कोई सहयोग नहीं करता है तो जिलाधिकारी को रिपोर्ट भेजकर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राफ्टिंग चेक पोस्ट पर दो टीम तैनात
राफ्टिंग गाइड के कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रबंधन समिति की दो चेक पोस्ट पर सैंपलिंग के लिए टीम तैनात कर दी है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फकोट के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. जगदीश चंद्र जोशी ने बताया कि जिला प्रबंधन समिति ने ब्रह्मपुरी और शिवपुरी में दो जगह चेक पोस्ट लगाई है, जिनमें राफ्टिंग गाइड का टोकन कटता है। यहां आने वाले प्रत्येक गाइड की जांच की जा रही है। अब तक 150 सैंपल लिए जा चुके हैं। जिनमें 29 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
पर्यटक संक्रमण का बड़ा कारण
दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा आदि राज्यों से सप्ताहांत बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं। राज्य की सीमा और भीतर इनकी कोरोना जांच नहीं हो रही है। यहां आकर यह पर्यटक सीधे राफ्टिंग गाइड के संपर्क में आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो संक्रमण के लिए पर्यटक भी एक बड़ा कारण बन रहे हैं। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. जगदीश चंद्र जोशी के मुताबिक राफ्टिंग के बाद राफ्ट, उपकरणों और संबंधित वाहनों को अच्छे तरीके से सैनिटाइज किया जाए तो काफी हद तक संक्रमण से बचा जा सकता है।
तपोवन-लक्ष्मण झूला होटल एसोसिएशन के सचिव विजेंद्र पंवार का कहना है कि मुनिकीरेती और आसपास टूरिज्म जोन में प्रतिदिन करीब दस हजार पर्यटक पहुंच रहे हैं, जिनमें तीन से चार हजार पर्यटक राफ्टिंग करते हैं। सभी को सुरक्षा से संबंधित सभी उपाय करने को कहा गया है। वहीं, गंग नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति के अध्यक्ष दिनेश भट्ट ने कहा कि जिलाधिकारी की ओर से पत्र समिति को मिला है। इसके बाद समिति ने प्रत्येक राफ्टिंग कंपनी स्वामी और गाइड को कोविड जांच कराने के लिए सर्कुलर जारी किया है। सभी सदस्यों की जांच कराई जाएगी।