डीएनए को लेकर तेजस्वी ने नीतीश पर बोला हमला, खुद को बताया ठेंठ बिहारी

Bihar Chunav 2020 पांच साल बाद बिहार की राजनीति में डीएनए का मुद्दा फिर उछल रहा है। साल 2015 के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीएनए पर बयान दिया था। इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुब हल्ला बोला था। तब नीतीश कुमार राजद के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे थे। बिहार विधानसभा चुनाव-2020 में भी डीएनए का मुद्दा गरम है। राजद की तरफ से मुख्यमंत्री पद के चेहरा तेजस्वी यादव डीएनए को लेकर नीतीश पर निशाना साध रहे हैं। राजद का साथ छोड़कर भाजपा के साथ चले जाने को लेकर हर चुनावी सभा में नीतीश पर हमला करते हैं। वे शुक्रवार को मधुबनी में थे। यहां भी डीएनए को लेकर नीतीश पर निशाना साधने से तेजस्वी नहीं चूके। हम ठेंठ बिहारी तेजस्वी ने कहा है कि हम ठेंठ बिहारी हैं। मेरा डीएनए शुद्ध है। हम जो वादा करते हैं, उसे पूरा करेंगे। सत्ता में आए तो दस लाख नाैजवानों को सरकारी नाैकरी देंगे। नीतीश सरकार के 15 वर्षों में शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई। भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया कि बगैर चढ़ावा किसी भी कार्यालय में कार्य नहीं होता है। घूसखोरी, महंगाई बढ़ी है। युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है। लोग बेरोजगार हैं। वे 10 नवंबर को हो जाएगी नीतीश सरकार की विदाई नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि दस नवंबर को आरएसएस व भाजपा की कठपुतली बन चुके नीतीश कुमार की विदाई तय है। जात-पात, नफरत और धर्म की राजनीति से ऊपर उठकर पढ़ाई, कमाई, दवाई और सिंचाई की बात होनी चाहिए। ये सब आम लोगों की जरूरत है। नीतीश सरकार के 15 वर्षों में शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई। भ्रष्टाचार इतना बढ़ गया कि बगैर चढ़ावा किसी भी कार्यालय में कार्य नहीं होता है। घूसखोरी, महंगाई बढ़ी है। युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है। लोग बेरोजगार हैं। वे स्थानीय हवाई अड्डा परिसर में आयोजित चुनावी सभा में बोल रहे थे। अब भौजाई बन गई महंगाई नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पहले भाजपाइयों के लिए मंहगाई डायन थी। अब महंगाई भौजाई बन गई है। बिहार के अस्पतालों की बदहाल व्यवस्था के कारण इलाज को आने वालों को शमशान जाना पड़ता है। यहां की बाढ़ की समस्या के समाधान पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। राजद समाज के सभी लोगों को साथ लेकर चलेगा। कहा कि महागठबंधन की सरकार बनती है तो पहली कलम से बिहार के 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाएगी। वृद्धा पेंशन राशि एक हजार की जाएगी। आंगनबाड़ी सहित अन्य मानदेय पर काम कर रहे लोगों का मानदेय दोगुना करने के साथ उनकी सेवा नियमित करने का प्रयास शुरू किया जाएगा। शिक्षकों के समान काम के लिए समान वेतन की मांग पूरी की जाएगी। कृषि ऋण माफ किया जाएगा।

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