प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महागठबंधन की ओर से सीएम पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला। उन्होंने राजद और तेजस्वी का नाम लिए बिना कहा, मतदाताओं ने ठाना है, जंगलराज के युवराज को हराना है। कोरोना संक्रमण के बीच ‘जंगलराज’ लौटा तो राज्य को दोहरी मार पड़ेगी। जो लोग कमीशनखोर हैं, उनके लिए कनेक्टिविटी मायने नहीं। वे बिहार का हित नहीं सोच सकते।
पहले चरण के मतदान के बीच दूसरी रैली में मोदी ने मतदाताओं से विधानसभा चुनाव को अवसर के रूप में देखते हुए बिहार को अंधेरे से बाहर निकालने वाले को फिर सत्ता सौंपने की वकालत की। तेजस्वी के 10 लाख सरकारी नौकरी के वादे पर कहा, सरकारी नौकरी भूल जाएं, यदि वे लोग सत्ता में आ गए तो निजी कंपनियां भी भाग जाएंगी।
मोदी ने कहा, इस पार्टी ने केवल अपराधियों को बढ़ावा दिया है और जिन्होंने राज्य में उद्योगों को बंद कर दिया अब वे विकास का वादा कर रहे हैं। मोदी ने कहा, बिहार में लालटेन युग का अंधेरा छंट चुका है।
उन्होंने पूछा, बिहार के गरीब और मध्यवर्ग की उम्मीदों को कौन पूरा कर सकता है। जिन्होंने बिहार को लूटा क्या वे कर सकते हैं। जिन्होंने केवल अपने परिवार के बारे में सोचा और दूसरों से अन्याय किया, वे बिहार की अपेक्षाओं को कभी नहीं समझ सकते। केवल एनडीए ही ऐसा कर सकता है। मोदी ने कहा कि पहले अस्पतालों में मुश्किल से डॉक्टर मिलते थे, अब यहां मेडिकल कॉलेज और एम्स जैसी सुविधा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पटना की जनसभा मे कहा, आप लोगों ने मॉस्क लगाकर जिस तरह कोराना संक्रमण से खुद को बचाया, उसी तरह अपने वोट से बिहार को ‘बीमार’ होने से बचा सकते हैं।
मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार पिछले 15 साल में मजबूती से जंगलराज से सुशासन की ओर बढ़ा है। एनडीए के प्रयासों से ही राज्य असुविधा से सुविधा, अंधेरे से प्रकाश की ओर, अविश्वास से भरोसे और अपहरण उद्योग से अवसर की ओर बढ़ा है।
पीएम ने कहा, पटना में मेट्रो का निर्माण कार्य चल रहा है, अन्य शहरों में भी उसी तरह की सुविधाओं की अपेक्षा बढ़ गई है। आज पटना की तरह ही राज्य के अन्य शहरों में सड़क, पेयजल और सीवर पर काम चल रहा है। केवल पटना में ही शहरी गरीबों को 28,000 पक्के मकान दिए गए। यदि जनधन, आधार और मोबाइल की ‘त्रिशक्ति’ नहीं होती तो कोराना काल में गरीबों के राशन के अधिकार को हड़प लिया जाता