हवाई यात्रियों के लिए बुरी खबर है. कैश की किल्लत झेल रही सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया को उसके पायलटों ने चेतावनी दी है कि अगर उनका फ्लाइंग अलाउंस का तत्काल भुगतान नहीं किया गया तो वह हड़ताल कर देंगे. अगर ऐसा होता है तो इससे एयरलाइन को उड़ानें निरस्त करनी पड़ सकती हैं. कुछ दिन पहले ही एयर इंडिया ने अपने 19 विमानों को उड़ान भरने से रोका था क्योंकि उनके पार्ट्स नहीं मिल रहे थे. ऐसे में अगर पायलट हड़ताल करते हैं तो इससे हवाई यात्रियों के लिए संकट खड़ा हो जाएगा.
14 अगस्त को दी जुलाई की सैलरी
14 अगस्त को ही एयरलाइन ने जुलाई की बेसिक सैलरी का भुगतान किया है लेकिन पायलट इससे संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि बेसिक सैलरी उनके कुल वेतन का मात्र 30% हिस्सा है. अधिकतम भाग फ्लाइंग अलाउंस में होता है, जिसका भुगतान नहीं हो रहा है. इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) ने एयरलाइन मैनेजमेंट को एक चिट्ठी लिखी है.
एयर इंडिया प्रबंधन को पायलटों ने लिखी चिट्ठी
टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस पत्र के हवाले से कहा कि एयर इंडिया के पायलट समेत सभी स्टाफ को 14 अगस्त को सैलरी मिली है. लेकिन जैसा आपको पता है कि एयर इंडिया के पायलट को बेसिक सैलरी मिली है जबकि पूरे स्टाफ को पूरी सैलरी मिल रही है. पायलटों और केबिन क्रू को फ्लाइंग अलाउंस नहीं दिया जा रहा है, जो हमारी सैलरी का मुख्य हिस्सा है. हम मांग करते हैं कि इसका तुरंत भुगतान किया जाए.
निदेशक मंडल ने की महत्वपूर्ण बैठक
एयर इंडिया के निदेशक मंडल ने हाल में एक महत्वपूर्ण बैठक की थी. यह बैठक ऐसे समय हुई जब सरकार कंपनी की मदद के लिए राहत पैकेज देने पर विचार कर रही है. एयर इंडिया के प्रस्तावित विनिवेश में नाकाम रहने के बाद सरकार कंपनी की वित्तीय हालत सुधारने के लिये शेयर पूंजी डालने और संभावित कर्ज माफी पर विचार कर रही है. कंपनी के निदेशक मंडल में दो स्वतंत्र निदेशकों आईटीसी के चेयरमैन वाईसी देवेश्वर और आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला के शामिल होने के बाद यह पहली बैठक थी.
वाईसी देवेश्वर हुए थे बैठक में शामिल
सूत्रों ने कहा कि देवेश्वर बैठक में शामिल हुए लेकिन बिड़ला नहीं आए. निदेशक मंडल की बैठक में हुई चर्चा के बारे में पता नहीं चला है. नागर विमानन मंत्रालय एयर इंडिया के लिए 11,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज देने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श कर रहा है. मार्च 2017 के अंत तक कंपनी का कुल कर्ज 48,000 करोड़ रुपये से अधिक था.