अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी छमकेंगे एटा के घुंघरू, 100 करोड़ के पार पहुंचा व्यापार

योगी सरकार ने फूंकी नई जान, 350 करोड़ का कर्ज देकर उबारा उद्योग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के एटा जनपद के घुंघरू देश ही नहीं, अब दुनिया भर के कलाकारों के पैरों में बजेंगे। ये घुंघरू अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर छमकेंगे। दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व के देशों में भारतीय कलाकारों के हुनर और मेहनत की कहानी कहेंगे। दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर, मलेशिया, कंबोडिया और सउदी अरब के कलाकारों ने एटा के घुंघरू की मांग की है। जार्डन, यूएई सरीखे मध्य पूर्व के देशों में भी एटा के घुंघरू को बड़ा बाजार मिल गया है। दो साल पहले तक गुमनामी और बेजारी से जूझ रहे एटा के घुंघरू उद्योग में योगी सरकार ने नई जान फूंक दी है। एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल एटा के घुंघरू देश ही नहीं दुनिया को भी अपनी छम छम से आकर्षित कर रहे हैं। राज्य सरकार भी एटा के कलाकारों के हुनर और मेहनत को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पूरी मजबूती के साथ पेश करने में जुट गई है।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने सोमवार को यहां बताया कि दक्षिण अफ्रीकी देशों के साथ सिंगापुर, मलेशिया, कंबोडिया, सउदी अरब, जार्डन, यूएई और ईराक जैसे देशों में कलाकारों के बीच एटा के घुंघरू की मांग ने सरकार की योजना को पंख लगा दिए हैं। दुनिया के मंच पर मिल रहे इस मौके को हाथों हाथ लेते हुए योगी सरकार ने भारत सरकार के माध्यम से इन देशों को सप्लाई शुरू कर दी है। प्रवक्ता ने बताया कि देश और दुनिया में मिल रहे बाजार और मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने घुंघरू उत्पादन बढ़ाने के प्रयास भी तेज कर दिए हैं। एमएसएमई विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में ही एटा के घुंघरू और घंटी व्यापार 15 से 20 फीसदी बढ़ा है। ओडीओपी के तहत नए कलाकारों को प्रशिक्षण देकर इंडस्ट्री का विस्तार किया जा रहा है। ताकि देश और विदेश में बढ़ती मांग को पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा किया जा सके। गौरतलब है कि देश में कोलकाता, आगरा, मथुरा, वाराणसी, मुरादाबाद, कानपुर और दिल्ली के साथ दक्षिण भारत में भी एटा के घुंघरू अपना जलवा खूब बिखेर रहे हैं।

राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार देश और विदेश में घुंघरुओं की सालाना औसत व्यापार 100 करोड़ को पार कर गया है। मौजूदा दौर में 10000 से ज्यादा लोग घुंघरू और घंटी उद्योग से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। ओडीओपी योजना के तहत राज्य सरकार ने उद्योग को बढ़ाने के लिए कलाकारों को 350 करोड़ रुपये के लोन के साथ ही मुफ्त प्रशिक्षण और जरूरी साजो सामान उपलब्ध करा रही है। प्रवक्ता ने बताया कि ओडीओपी योजना के तहत अब तक करीब 1000 नए युवाओं को प्रशिक्षित कर उद्योग से जोड़ा जा चुका है। हालांकि कुछ परेशानियां भी हैं जो इस उद्योग को और रफ्तार पकड़ने में बाधक बन रही हैं। कलाकारों का कहना है कि कोरोना और लाक डाउन के कारण इंडस्ट्री पर काफी असर पड़ा है। मतीन अंसारी कहते हैं कि अब संभालने की कोशिश हो रही है। सप्लाई के आर्डर जरूर मिल रहे हैं, लेकिन उत्पादन बढ़ाने के लिए आर्थिक तौर पर और सुविधाएं चाहिए। ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) के दायरे में आने के कारण भी घुंघरू इंडस्ट्री थोड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com