सूरत/अहमदाबाद। सूरत शहर के बेगमपुरा इलाके में आधी रात को द्वारका हाउस (रेडीमेड साड़ियों के भंडारण घर) में आग लग गई। सत्रह दमकल वाहन घटनास्थल पर पहुंचे और पांच घंटे के भीतर तीसरी मंजिल पर विस्फोट को रोकने में कामयाब हुए। हालांकि आग से तीन करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है, लेकिन कोई भी हताहत नहीं हुआ। अग्निशमन अधिकारी पारिख ने बताया कि आग इतनी भयंकर थी कि पहली और दूसरी मंजिल पर रखी गई साड़ी की एक बड़ी मात्रा जलकर राख हो गई क्योंकि इसने आसपास के काबरा हाउस को घेर लिया था। धमाके के बाद हादसे में साड़ी की मात्रा से भरे दो टेम्पो भी जल गए। दो घरों की पांच मंजिलें आग की चपेट में आयी हैं।
पूठा व्यापारी दीपकभाई ने बताया कि उनका माल रात में आया था, जिसे पहुंचाया जा रहा था। अचानक एक जोरदार धमाका सुनाई दिया। भागते हुए उसने देखा कि द्वारका हाउस से आग की लपटें निकल रही हैं। तुरंत फोन कर आग और बिजली कंपनी को सूचना दी। तब तक आग की लपटें पार्किंग में खड़ी साड़ियों से भरे दो टैंपों पर आ गिरीं और दोनों टैंपों ने उनकी आंखों के सामने जलने लगे। दमकल वाहन के आने से पहले काबरा हाउस आग की लपटों में घिर गया था। हालांकि अगर दमकल वाहन मिनटों में पहुंच जाती तो बहुत बड़ी दुर्घटना को टाला जा सकता था। दमकल विभाग ने बताया कि उसे रविवार आधी रात के आसपास फोन आया। बेगमपुरा में, जमीन के साथ तीन मंजिलों में आग लगने की सूचना मिली थी। घटना की सूचना के बाद दमकल विभाग की 17 गाड़ियां तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं। इसके बाद द्वारका हाउस में भूतल के साथ तीन मंजिलों और छत पर आग लगी थी। आग इतनी भयंकर थी कि दमकल गाड़ियां आग को पांच घंटे में बुझा सकीं।