कोरोना वायरस वैक्सीन बुर्जुगों में प्रतिरक्षा पैदा करती है या नहीं, यह एक गंभीर सवाल है। जिसका जवाब लगातार खोजा जा रहा है क्योंकि कई शोध में यह बात सामने आ चुकी है कि कोरोना से बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है क्योंकि उनका प्रतिरक्षा तंत्र अपेक्षाकृत कमजोर होता है। जिससे उन्हें वायरस के खिलाफ लड़ने में मुश्किलें आती हैं। इस बीच कोरोना वैक्सीन से जुड़ी एक अहम जानकारी सामने आई है जिसके मुताबिक एक वैक्सीन के ट्रायल में बुजुर्गों पर यह दवा काफी असरदार दिखी है।
समाचार एजेंसी रायटर ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में यह दवा बुजुर्गों पर असरदार दिखी है। ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन बुजुर्गों में प्रतिरक्षा पैदा करने में सफल रही है। इस मीडिया रिपोर्ट में सोमवार को बताया गया है कि ऑस्ट्रियन विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किए जा रहे कोरोना वैक्सीन के परीक्षण के शुरुआती परिणाम यह बताते हैं कि यह वैक्सीन बुजुर्ग लोगों में एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा करती है।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यह पता चला है कि वैक्सीन बड़े आयु समूहों में सुरक्षात्मक एंटीबॉडी और टी-कोशिकाओं का निर्माण करती है। मीडिया रिपोर्ट ने बताया कि ये निष्कर्ष जुलाई में जारी किए गए थे जिसमें 18 से 55 वर्ष की आयु के स्वस्थ वयस्कों के समूह में वैक्सीन से उत्पन्न होने वाली मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया थी।
एस्ट्राजेनेका(AstraZeneca) जो ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के साथ टीका विकसित कर रहा है, उसको COVID -19 से बचाने के लिए एक वैक्सीन का उत्पादन करने की दौड़ में सबसे आगे माना जाता है। बता दें कि इस खोज का विवरण शीघ्र ही एक पत्रिका में प्रकाशित होने की उम्मीद है। हालांकि, ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका ने इस पर अपनी ओर से कोई बयान जारी नहीं किया है।
दुनिया पर कोरोना वायरस महामारी का संकट गहराता जा रहा है। दुनिया के कई देशों में कोरोना की पहली मार के बाद अब दूसरी लहर आ चुकी है। इससे बचाव और राहत के लिए लोगों को कोरोना की वैक्सीन से ही उम्मीदें हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, दुनियाभर में 40 से ज्यादा कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है।