देवरिया के मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान के बालिका संरक्षण गृह में अवैध रूप से बालिकाओं को रखने व इनका शारीरिक व मानसिक शोषण करने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम ने भी जांच तेज कर दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की फटकार के बाद नए सिरे से जांच हो रही है और यहां के हर पहलू को परखा जा रहा है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी देवरिया कांड की सीबीआई जांच की संस्तुति की है। उधर इलाहाबाद हाईकोर्ट का भी निर्देश है कि सीबीआई जांच उनकी निगरानी में हो।
देवरिया कांड के बालिका सरंक्षण क्रम में शोषण की जांच करने पहुंचे एडीजी क्राइम संजय सिंघल डाक बंगला से पुलिस लाइन के मनोरंजन गृह पहुंचे और जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रभात कुमार से पूछताछ की। उनके साथ ही महिला इंस्पेक्टर शोभा सिंह व सरोज शर्मा से भी कई जानकारियां ली। उधर कुछ अन्य लोगों को भी एसआइटी ने आज ही पूछताछ के लिए पुलिस लाइन में बुलाया है।
देवरिया कांड की जांच करने दस अगस्त से देवरिया में एडीजी क्राइम संजय सिंघल के नेतृत्व में एसआइटी जमी है। हालांकि 11 अगस्त को शासन को रिपोर्ट देने के लिए एडीजी लखनऊ वापस हो गए थे। कल रात एडीजी क्राइम संजय सिंघल एक बार फिर देवरिया पहुंचे और एसआइटी में शामिल आइपीएस पूनम व भारती सिंह के अलावा एसटीएफ टीम के सदस्यों के साथ इंस्पेक्टर वृजेश यादव से अभी तक की प्रगति के बारे में देर रात तक जानकारी ली। इसके साथ ही आवश्यक निर्देश देने के बाद रात को बालिका गृह के पास पहुंच कुछ लोगों से पूछताछ भी किया।
एडीजी क्राइम आज पुलिस लाइन आइपीएस अफसर पूनम व भारती सिंह के साथ पहुंचे और अभी तक के मुकदमे संबंधित कटे पर्चे का अवलोकन किया। यहां पर कुछ गाड़ी मालिकों को भी आज भी बुलाया गया है, जिनके वाहनों का प्रयोग कांड की मुख्य आरोपित गिरिजा त्रिपाठी ने कहीं जाने के लिए प्रयोग किया था। माना जा रहा है कि इस बार एसआइटी की विवेचना में कुछ नए तथ्य भी सामने आए हैं।
एसआइटी में शामिल सूत्रों का कहना है कि मान्यता स्थगित होने के बाद 31 जुलाई 2017 को संस्था के खाते में साढ़े नौ लाख के करीब रुपये भेजे गए हैं, इसके अलावा 2018 में भी संस्था के खाते में ट्रेजरी से लगभग दस लाख रुपया भेजा गया है। हालांकि आधिकारिक रुप से इसकी पुष्टि कोई नहीं कर रहा है।