भारतीय नौसेना ने अपने इतिहास की किताब में एक और पन्ना जोड़ते हुए पहली बार तीन महिला पायलटों का एक बैच तैयार किया है। एक रक्षा प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि ये पायलट डॉर्नियर एयरक्राफ्ट से समुद्री टोही अभियानों को अंजाम देंगी। इस बैच में लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा, लेफ्टिनेंट शुभांगी स्वरूप और लेफ्टिनेंट शिवांगी शामिल हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि तीनों महिला पायलट 27वें डॉर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग (डीओएफटी) कोर्स में भाग लेने वाले छह पायलटों में शामिल थीं। इन्होंने गुरुवार को आईएनएस गरुड़ पर आयोजित पासिंग आउट कार्यक्रम में पूरी तरह से परिचालन वाले समुद्री टोही पायलट (एमआर पायलट) के तौर पर स्नातक डिग्री प्राप्त की।
दक्षिणी नौसेना कमान के चीफ स्टाफ अधिकारी (प्रशिक्षण) रियर एडमिरल एंटोनी जॉर्ज इस पासिंग आउट कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। रियर एडमिरल जॉर्ज ने इन पायलटों को अवार्ड दिए जो अब सभी ऑपरेशनल मिशन के लिए डॉर्नियर एयरक्राफ्ट उड़ाने के लिए पूरी तरह से योग्य हो गई हैं।
तीनों पायलटों में लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा नई दिल्ली के मालवीय नगर से हैं। लेफ्टिनेंट शुभांगी स्वरूप उत्तर प्रदेश के तिलहर से हैं और लेफ्टिनेंट शिवांगी बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं। इन्होंने आंशिक रूप से वायुसेना के साथ और डीओएफटी कोर्स से पहले आंशिक रूप से नौसेना के साथ उड़ान प्रशिक्षण लिया था।
प्रवक्ता ने बताया कि इनमें से लेफ्टिनेंट शिवांगी ने सबसे पहले (दो दिसंबर 2019 को) नौसेना पायलट के लिए अहर्ता पूरी की थी। इसके 15 दिन बाद बाकी दोनों अधिकारी भी पायलट बन गई थीं। इसके बाद इनका एक बैच बनाया गया और 27वें डीओएफटी कोर्स में शामिल छह पायलटों में इन्हें शामिल किया गया था।