नवरात्रि का पर्व इन दिनों बहुत आकर्षक तरीके से मनाया जा रहा है। यह पर्व इस बार घरों में सेलिब्रेट हो रहा है और कल यानी 21 अक्टूबर को नवरात्रि का पांचवा दिन है। कहा जाता है नवरात्रि का पांचवा दिन स्कंदमाता को समर्पित है। जी दरअसल इस दिन को नवरात्रि की पंचमी कहा जा सकता है क्योंकि इस दिन आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं स्कंदमाता की पूजा विधि।
स्कंदमाता की पूजा विधि- इसके लिए इस दिन सुबह के समय जल्दी उठे। अब नहा ले और उसके बाद पीले रंग के कपड़े पहन ले। अब पीला रंग पहनकर माता की पूजा करें। ऐसा करने से आपको शुभ फल की प्रप्ति होती है। आप पूजा करते समय उन्हें पीले फूल अर्पित करें। वैसे आप उन्हें मौसमी फल, केले, चने की दाल का भोग लगा सकते हैं क्योंकि यह उन्हें पसंद होता है। ध्यान रहे देवी स्कंदमाता की पूजा के लिए पूजा स्थल, जहां पर कलश स्थापना की हुई है, उसी जगह को चुने। आप वहां पर स्कंदमाता की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना भी कर सकते हैं। फल चढ़ाने और भोग लगाने के बाद फूल चढ़ाए, धूप-दीप जलाएं। जी दरअसल ऐसा माना जाता है कि पंचोपचार विधि से देवी स्कंदमाता की पूजा करना बहुत शुभ होता है। यह माता की भी पूजा प्रक्रिया वैसी ही होती है जैसी ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा और बाकी देवियों की है।
कहा जाता है स्कंदमाता सभी को सिखाती है कि जीवन स्वयं ही अच्छे-बुरे के बीच एक देवासुर संग्राम है व हम स्वयं अपने सेनापति हैं। उनके अनुसार हमें सैन्य संचालन की शक्ति मिलती रहे, इसलिए उनकी पूजा-आराधना करनी चाहिए।