नवरात्र आरम्भ होने में बहुत ही कम समय बचा है। जी दरअसल इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर से यानी कल से आरम्भ हो रही है। आप जानते ही होंगे नवरत्रि के दिन देवी दुर्गा को समर्पित होते हैं और इन नौ दिनों में नौ माताओं का पूनम होता है जो दुर्गा माँ के स्वरूप है। ऐसे में पहले दिन पूजन होता है माँ शैलपुत्री का। जी हाँ, कहते हैं माँ शैलपुत्री बहुत ही सौम्य स्वभाव की हैं और उनसे जो भी कुछ भी मांगता है वह दे देती हैं। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इनकी पूजा विधि, स्तोत्र पाठ।
पूजा विधि: इसके लिए सबसे पहले मां शैलपुत्री की तस्वीर स्थापित करें। वैसे अगर तस्वीर न हो तो मां दुर्गा की ही प्रतिमा की पूजा करें। सबसे पहले अब हाथ में लाल फूल लेकर शैलपुत्री देवी का ध्यान करें और इस मंत्र का जाप करें ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:’। इस मंत्र के जाप के साथ ही हाथ में पुष्प मनोकामना गुटिका मां की तस्वीर के ऊपर छोड़ दें। अब यह करने के बाद इस मंत्र का 108 बार जाप करें ‘ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नम:’। अब माँ की आरती उतारें और मां शैलपुत्री की कथा सुनें। इसके बाद अंत में भोग लगाकर प्रसाद सभी लोगों में बाँट दें।
स्तोत्र पाठ: –
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्।
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्।
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन।
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥
इसके पाठ से माँ खुश होकर मनचाहा वरदान देती हैं।