मध्य प्रदेश कांग्रेस ने तीन नवंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले चुनाव आयोग से प्रदेश भाजपा सरकार के 14 गैर विधायक मंत्रियों को हटाने की मांग की है। पार्टी का आरोप है कि वे अपने मंत्री पदों का दुरुपयोग कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।
सत्तारूढ़ भाजपा ने हालांकि इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उसके किसी भी उम्मीदवार ने सत्ता का दुरुपयोग नहीं किया और न ही आदर्श आचार संहिता के किसी प्रावधान का उल्लंघन किया। भाजपा सरकार के 14 मंत्रियों ने मार्च में कांग्रेस और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गये थे। प्रदेश भाजपा सरकार के ये 14 गैर विधायक मंत्री उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने सोमवार को इन मंत्रियों के खिलाफ प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को इस संबंध में शिकायत सौंपी है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने आरोप लगाया, ” ये मंत्री मतदाताओं को प्रभावित करने के लिये झूठी योजनाओं की घोषणा तथा मंत्रियों के तौर पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर आधारशिला रखने जैसे कार्यक्रम कर अपने पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। इस प्रकार यह आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि इन मंत्रियों से संबंधित विभागों के अधिकारी सत्तारुढ़ भाजपा के दबाव में पार्टी के प्रचार के लिये काम कर रहे हैं। इसलिये स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से उपचुनाव के लिये इन मंत्रियों को अपने पदों से तुरंत हटा दिया जाना चाहिये। वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि कांग्रेस का यह आरोप उसके पूरी तरह से हताश, निराश और मानसिक तौर पर परेशान होने का परिचायक है। उन्होंने कहा कि ये सभी मंत्री अब जनता की अदालत के सामने हैं और जनता को इनकी किस्मत का निर्णय करने देना चाहिये। सत्ता या सरकारी तंत्र के दुरुपयोग के सभी आरोप निराधार हैं और मंत्री आदर्श आचार संहिता का पालन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा की 28 रिक्त सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव होना है जबकि 10 नवंबर को मतों की गणना होगी।