भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में सोमवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 55,342 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, इस दौरान 706 लोगों की मौत हुई है। इधर, कोरोना के सक्रिय मामलों में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। देश कोरोना के मुल मामले 71,75,881 पहुंच गए हैं, जिनमें से सक्रिय मामले सिर्फ 8,38,729 हैं। भारत में जानलेवा कोरोना वायरस को 62,27,296 लोग मात दे चुके हैं। हालांकि, अब तक कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आकर 1,09,856 लोगों की मौत हो चुकी है।
बीते 24 घंटों में 10 लाख से ज्यादा टेस्ट
भारत सरकार की कोरोना वायरस के खिलाफ जंग जारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विशेषज्ञों के मुताबिक, इस समय कोरोना को हराने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्ट कर संक्रमित लोगों की पहचान कर उनका इलाज करना ही एक मात्र रास्ता है। ऐसे में भारत लगातार टेस्ट की संख्या बड़ा रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) के मुताबिक, अब तक 8 करोड़ 89 लाख से ज्यादा टेस्ट पूरे देश में हो चुके हैं। वहीं, बीते 24 घंटों की बात करें, तो 10,73,014 सेंपल टेस्ट किए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि आने वालों दिनों में टेस्ट की संख्या और बढ़ाई जाएगी।
सर्दियों में तेजी से बढ़ सकते हैं मामले
दरअसल, विशेषज्ञों का मानना है कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, वैसे-वैसे कोरोना वायरस के मामलों में भी इजाफा हो सकता है। एक अनुमान के अनुसार, दिल्ली में आने वाले समय में प्रतिदिन संक्रमितों का आंकड़ा 15 हजार तक पहुंच सकता है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि देश में संक्रमण के मामलों में कितना इजाफा हो सकता है। इसीलिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले से ही कमर कस ली है। अस्पतालों में इंतजाम से लेकर टेस्ट की संख्या में बढ़ोत्तरी तक की जा रही है, ताकि स्थिति बेकाबू होने से रोका जा सके।
वैक्सीन की एकमात्र उपाय
कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए वैक्सीन ही एकमात्र उपाय है। भारत में वैक्सीन इस साल के अंत तक आने की उम्मीद काफी कम है। इधर, कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने इसके ट्रायल पर फिलहाल रोक लगा दी है। कंपनी ने बताया है कि ट्रायल के दौरान एक वॉलंटियर के बीमार होने के बाद इसपर रोक लगाई गई है। हालांकि, इस समय दुनियाभर में 150 से ज्यादा देश वैक्सीन पर काम कर रहे हैं और कुछ वैक्सीन अंतिम ट्रायल में भी पहुंच गई हैं। ऐसे में अगले साल की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन आने की पूरी उम्मीद है।