रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की सीमा से सटे सात अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 44 पुलों का ई-उद्घाटन कर दिया है. आज का दिन देश की सरहद की सुरक्षा के लिए एतिहासिक दिन माना जा सकता है.
आपको बता दें, ये सभी स्थायी ब्रिज बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानि बीआरओ ने बना कर तैयार किए है. बीआरो ने निर्मित इन 44 ब्रिज मे से 10 जम्मू-कश्मीर में हैं, 7 लद्दाख, 2 हिमाचल प्रदेश, 4 पंजाब, 8 उत्तराखंड, 8 अरूणाचल प्रदेश और 4 सिक्किम में है. आपको बता दें, इन सभी पुलों का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया है.
राज्यों के मुख्यमंत्री समेत राज्यपाल मौजूद रहें
बता ते चले, इस दौरान हिमाचल प्रदेश, पंजाब, अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम के मुख्यमंत्री समेत जम्मू कश्मीर और लद्दाख के उप-राज्यपाल भी मौजूद रहें. बीआरओ के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह भी शामिल रहें.
22 पुल अकेले चीन सीमा के पास
ऐसा पहली बार हुआ है कि देश की अलग-अलग सरहदों पर बने इतनी बड़ी तादाद में पुलों का एक साथ उद्घाटन किया गया. पिछले चार महीने से चीन से चल रही तनातनी के चलते बीआरओ दिन-रात एक कर सीमाओं की नदी-नालों पर पुलों का निर्माण कर रही है. इन में से 22 अकेले चीन सीमा पर जाने के लिए तैयार किए गए हैं. इनमें से एक हिमाचल प्रदेश के दारचा में तैयार किया गया है जो करीब 350 मीटर लंबा है.
एलएसी पर चल रही चीनी सेना की गतिविधि के लिए बेहद जरूरी थे पुल
आपको बता दें कि पिछले साढ़े चार महीने से पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत का चीन से टकराव चल रहा है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि रोहतांग टनल के जरिए सेना की सप्लाई लाइन पूर्वी लद्दाख के जरिए खुली रही. पूर्वी लद्दाख के अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश से सटी एलएसी पर भी चीनी सेना की गतिविधियां हाल के दिनों में काफी बढ़ गई हैं. ऐसे में सेना की मूवमेंट के लिए इन पुलों की सख्त जरूरत थी.