अमेरिका और तुर्की के बीच व्यापारिक विवाद गहराने से अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट देखी गई. कई दिग्गज शेयरों में तो भारी मार पड़ी है.
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दो
आन ने देश की मुद्रा लिरा को समर्थन
देने के लिए अपने देश के व्यापारियों से डॉलर बेचने का आग्रह किया था. इसके बाद करीब 300 व्यापारियों ने 30 लाख डॉलर को तुर्की की मुद्रा लिरा में एक्सचेंज करा लिया.
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले शुक्रवार को तुर्की से होने वाले स्टील और एल्युमिनियम आयात पर टैरिफ दोगुना करने का आदेश दिया था. इसके बाद तुर्की ने भी अल्कोहल, तंबाकू, कारों जैसे कई अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का तुर्की के साथ विवाद बढ़ने का बुधवार को अमेरिकी शेयर बाजारों पर नकारात्मक असर पड़ा है. अमेरिकी एक्सचेंज डाओ जोंस में कारोबार के दौरान 260 अंकों की गिरावट देखी गई थी और यह पिछले सोमवार के बाद के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. इसी तरह, एसऐंडपी भी 0.9 फीसदी और नैस्डेक में 1.3 फीसदी की गिरावट देखी गई. तीनों एक्सचेंज में लगातार तीन दिन से गिरावट देखी जा रही है.
तुर्की और अमेरिका करीब 60 साल से सहयोगी रहे हैं और दोनों नाटो के सदस्य देश रहे हैं. इसलिए दोनों देशों के बीच विवाद निवेशकों के लिए काफी चिंता की बात है. जानकारों का मानना है कि इसी वजह से निवेशकों ने शेयरों में बिकवाली शुरू कर दी है.
दूसरी तरफ, तुर्की वैसे ही आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. पिछले करीब चाल साल से वहां की इकोनॉमी मुश्किलों से गुजर रही है. ग्रोथ के मामले में कभी चीन और भारत की कतार में खड़ा होने वाला तुर्की आज पिछड़ गया है. उसका व्यापार घाटा और बढ़ता कर्ज उसके लिए बड़ी मुसीबत बन गया है. महंगाई काफी तेजी से बढ़ रही है. इसकी वजह से तुर्की की मुद्रा लिरा में डॉलर के मुकाबले काफी गिरावट आ गई है.