नक्सलियों ने की 25 आदिवासियों की सामूहिक हत्या, पुलिस का जासूस होने के शक में किया नरसंहार
वामपंथी उग्रवादियों (LWT) ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर में लगभग 25 आदिवासियों को बेरहमी के साथ मौत के घाट उतार दिया। नक्सलियों ने मारे गए लोगों पर पुलिस मुखबिर, गोपनीय सैनिक और भीतरघाती होने का इल्जाम लगाया है। खबरों के अनुसार, एक नक्सली वामपंथी आतंकवादी समूह ने बीते गुरुवार को एक बयान जारी करते हुए कहा था कि बीजापुर के गँगालूर इलाके में उनके खिलाफ ‘स्पष्ट सबूत’ मिलने के बाद जनअदालत के जरिए कम से कम 25 आदिवासी लोगों को सजा दी गई है।
‘विकल्प’ नाम से जाने जाने वाले एक प्रतिबंधित आतंकी संगठन ने उन्हें ‘धोखेबाज’ और ‘पुलिस के मुखबिर’ करार देते हुए कहा कि मारे गए लोगों में 12 गोपनीय सैनिक, 5 भीतरघाति और 8 मुखबिर शामिल थे। नक्सलियों द्वारा मारे गए आदिवासियों के सही आंकड़े अभी भी स्पष्ट नहीं है। हालाँकि, तेलंगाना पुलिस ने कहा कि उन्हें खुफिया सूचना मिली थी कि नक्सलियों ने सितंबर के अंतिम हफ्ते में तेलंगाना-छत्तीसगढ़ के पास 16 ग्रामीणों का क़त्ल किया था।
तेलंगाना के एक अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि नक्सलियों ने कुछ अन्य ग्रामीणों का भी किडनैप कर लिया था और उन्हें बीजापुर के जंगलों में छिपा दिया और बाद में उन्हें भी मार डाला था। नक्सल आतंकवादी गिरोह ‘विकल्प’ ने कथित तौर पर दावा करते हुए कहा था कि पुलिस के लिए काम करने वाले गुप्त मुखबिरों में से एक वरिष्ठ माओवादी नेता विज्जा भी शामिल था।