राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सांसद हनुमान बेनीवाल ने बीते शुक्रवार को एक बड़ा आरोप लगाया है। इस आरोप में उन्होंने कहा है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार नहीं गिरी क्योंकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भाजपा नेता वसुंधरा राजे के साथ गठबंधन में काम कर रहे हैं। केवल यही नहीं बल्कि उनका कहना है कि जब सरकार गिरने वाली थी, मेरी पार्टी कांग्रेस नेता सचिन पायलट (जिन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत की थी) के साथ थी। लेकिन वसुंधरा राजे ने 20 विधायकों के समर्थन का आश्वासन दिया, इसीलिए सरकार नहीं गिरी। उन्होंने अपने आरोपों में यह भी कहा है कि राजे के बंगले का एक मुद्दा था, जिसे उस दिन की सरकार ने एक विधेयक लाकर संबोधित किया था।
उनके अनुसार “उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपने आधिकारिक बंगले खाली करने चाहिए। इसके बावजूद मुख्यमंत्री एक नए विधेयक लाए जिससे पूर्व मुख्यमंत्रियों को उनके वर्तमान बंगलों में रहने की अनुमति मिल सके। आगे उन्होंने यह तक कहा है कि वसुंधरा और अशोक गहलोत राजस्थान में गठबंधन में काम कर रहे हैं। वहीं नागपुर के सांसद बेनीवाल का कहना है कि उनकी पार्टी आरएलपी केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा है। जी दरअसल राजस्थान जुलाई के महीने में गहलोत और पायलट के बीच मतभेदों के बाद राजनीतिक संकट में आ गया था।
उस समय पायलट गहलोत के डिप्टी थे और वह खुलकर सामने आए थे। वहीं कांग्रेस में दो गुटों ने अपने मतभेदों को हल कर लिया और अगस्त में विधानसभा सत्र से पहले एक ही मंच पर सभी वापस आ गए। उसके बाद अशोक गहलोत सरकार ने राज्य विधानसभा में विश्वास मत जीता। वहीं आरएलपी प्रमुख ने अपने आरोपों में आगे यह भी कहा कि राजस्थान पिछले 20 वर्षों में “वसुंधरा-गहलोत” के संबंधों के कारण गैंग वार का केंद्र बन गया है।