मौजूदा समय में वाणी में मधुरता लाना हर मानव के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं. मीठी वाणी बोलने से हम किसी के भी दिल में आसानी से जगह बना सकते हैं. चाहे वह दोस्त, माता-पिता, रिश्तेदार आदि कोई भी हो. या कोई रिश्ता माता-पुत्र, बहन-भाई पती-पत्नी या गुरु शिष्य का हो. वाणी की मधुरता हमें स्वतः लोगो के बीच खींच कर ले जाती हैं. आज हम बात कर रहे है आपसे गुरु और शिष्य के बीच के रिश्ते की. गुरु और शिष्य का रिश्ता सदा से ही सबसे उच्च रिश्ता माना जाता रहा हैं.
लेकिन, आज गुरु और शिष्य के बीच का रिश्ता केवल पैसे की डोर से बंधा हुआ नजर आता हैं. मौजूदा समय के तकनीकी युग ने इस रिश्ते पर काफी बुरा प्रभाव डाला हैं. मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि के चलन ने विद्यार्थी और शिक्षक के बीच के संवाद को भी कई हद तक छीना हैं. लेकिन, हम आपको यहां कुछ बाते बता रहे हैं जिन पर ध्यान दिया जाये तो विद्यार्थी और शिक्षक के रिलेशनशिप को और बेहतर या मजबूत बनाया जा सकता हैं.
– गुरु और शिष्य के बीच के रिश्ते को मजबूती प्रदान करने के लिए छात्रों को कभी भी बार-बार शिक्षक नहीं बदलने नहीं चाहिए. ऐसा करने से छात्र कभी भी अपने जीवन में गुरु की महत्ता को समझ नहीं पाते हैं. रिश्ते को मजबूती प्रदान करने के लिए लगातार एक ही शिक्षक से शिक्षा लेना या उनके संपर्क में रहना अति आवश्यक हैं.
– छात्र जितना हो सके उतना शिक्षकों से पूछे. अगर पढ़ाई के दौरान किसी भी प्रकार की कोई चीज समझ नहीं आती हैं, तो मोबाइल, इंटरनेट आदि का उपयोग कम से कम कर प्रत्यक्ष रूप से शिक्षक की सहायता ले.
– कक्षा में या व्यक्तिगत रूप से कभी भी शिक्षक से भेंट हो, तब उन्हें पूरे आदर सत्कार के साथ नमस्कार करें और उनके चरण छूए. ध्यान रहे मान-सम्मान हर कोई व्यक्ति पाना चाहता हैं.
– भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया हैं. इसलिए छात्र हमेशा गुरु को भगवान जितना सम्मान दे. कभी भी शिक्षक का अपमान ना करें और न ही उनके लिए अपने मुख से किसी भी प्रकार के कोई बुरे वचन कहे.
– रिश्ते को मजबूती प्रदान करने के लिए शिक्षकों को भी अपने दायित्व को समझना जरूरी हैं. वर्तमान में कई शिक्षक पैसे के लोभ में शिक्षा को बेच रहे हैं. लेकिन, असल में शिक्षक और विद्यार्थी के बीच के रिश्ते को पहले मजबूत होना काफी जरूरी हैं. अतः शिक्षक बच्चों की जरूरत और शिक्षा के मुताबिक़, उन्हें शिक्षा प्रदान करें.
– आज छात्रों को किसी भी बारे में कुछ जानकारी पाना हो तो वे इसके लिए शिक्षकों के स्थान पर आधुनिक तकनीक का सहारा लेते हैं. लेकिन, कई दफा आधी- अधूरी जानकारी उन्हें हर क्षेत्र में मात देती हैं. कहा भी जाता है कि, अधूरा ज्ञान खतरनाक होता हैं. अतः किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए पहले शिक्षक से एक बार अवश्य संपर्क करे.