अगर आप यह सोचते हैं कि करेंसी नोट से कोरोना वायरस नहीं फैलता है, तो आप गलत हैं। करेंसी नोट के माध्यम से किसी भी तरह का बैक्टीरिया या वायरस फैल सकता है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा भेजे गए एक सवाल के जवाब में आरबीआई ने एक मेल में अप्रत्यक्ष रूप से यह बात कही है। साथ ही आरबीआई ने कहा है कि लोगों को करेंसी नोटों के स्थान पर ज्यादा से ज्यादा डिजिटल भुगतान का उपयोग करना चाहिए।
कैट ने बीती 9 मार्च को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजा था। इस पत्र में कैट ने करेंसी नोट बैक्टीरिया और वायरस के वाहक हैं या नहीं, यह स्पष्ट करने का आग्रह किया था। वित्त मंत्रालय ने इस सवाल को आरबीआई को भेजा था, जिसके जवाब में आरबीआई ने शनिवार को एक मेल के माध्यम से यह संकेत दिया कि करेंसी नोटों से वायरस फैल सकता है।
आरबीआई ने कैट को भेजे अपने जवाब में कहा, ‘कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लोग अपने घरों से ही सुविधापूर्वक मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, कार्ड इत्यादि जैसे ऑनलाइन चैनलों के माध्यम से डिजिटल भुगतान कर सकते है और करेंसी का उपयोग करने अथवा एटीएम से नकदी निकालने से बच सकते हैं!’
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, ‘करेंसी नोटों द्वारा किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया या वायरस के बहुत तेजी से फैलने की संभावना रहती है। इसे देखते हुए कैट बीते एक साल से सरकार के मंत्रियों व अन्य प्राधिकरणों से इसका स्पष्टीकरण लेने के लिए प्रयास में था। पिछले साल से कई बार इस मुद्दे को उठाने के बाद ये पहला मौका है, जब केंद्रीय बैंक ने इसका संज्ञान लेते हुए जवाब तो दिया है, पर मूल प्रश्न से कन्नी काट गया। हालांकि, आरबीआई ने इससे इनकार भी नहीं किया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि करेंसी नोट के माध्यम से वायरस और बैक्टीरिया फैलता है और इसलिए ही आरबीआई ने करेंसी भुगतान से बचने के लिए डिजिटल भुगतान के अधिकतम उपयोग की सलाह दी है।’