हाथरस कांड की पीड़िता की मां ने मीडिया के साथ अपनी पीड़ा को साझा किया है. मीडिया के साथ बातचीत शुरू करते हुए पीड़िता की मां रोने लगी. उन्होंने कहा कि हमारी बेटी को मिट्टी नहीं दी उनलोगों ने. उन्होंने रोते-रोते मीडिया से कहा कि हमारी बहू पुलिसवालों से गुहार लगाती रही कि हमें एक बार ननद का चेहरा देखने दो, लेकिन उन्होंने आखिरी बार चेहरा भी नहीं देखने दिया.
पीड़िता की मां ने कहा कि एसआईटी टीम और दूसरे अधिकारी उनके घर आए तो उन्हें एक ही बात कह रहे थे, ‘तुम्हें पैसे मिल रहे हैं…अरे तुमको पैसे मिल रहे हैं…पता नहीं तुम्हारे खाते में कितने पैसे गए…मुझे नहीं पता…’ पीड़िता की मां ने कहा कि उन्हें नहीं पता उनके खाते में कितने पैसे आए हैं? उन्हें इंसाफ चाहिए.
पीड़िता की मां ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि प्रशासन ने इस मामले में किसको हटा दिया है. पीड़िता के परिवार ने कहा कि उन्हें सीबीआई जांच नहीं चाहिए. पीड़िता की एक रिश्तेदार ने कहा कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के एक जज को करनी चाहिए. उनकी निगरानी में जांच होनी चाहिए.
पीड़िता की मां ने कहा कि उनकी किसी राजनीतिक दल के लोगों से बात नहीं हुई है. मीडिया ने पीड़िता की मां से उनके 14 सितंबर के बयान को लेकर सवाल पूछा. आजतक ने कहा कि 14 सितंबर को उन्होंने क्यों नहीं कहा कि उनकी बेटी के साथ गलत हुआ है.
इस पर पीड़िता की मां ने कहा कि ‘उस दिन हादसे के बाद वो घबराई हुई थीं, उनकी बेटी घबराई हुई थी, लोग बोल रहे थे कि यहां से जल्दी ले जाओ.जल्दी ले जाओ…वहां जांच हुई तब पता चली.’
नार्को टेस्ट पर पीड़िता की मां ने कहा कि उन्हें पता नहीं कि ये चीज होती क्या है, वे लोग नार्को टेस्ट नहीं करवाएंगे.