लोक जनशक्ति पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। लोजपा ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश सरकार की सात निश्चय योजना भ्रष्टाचार का अड्डा है। पार्टी के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने कहा कि लोजपा सात निश्चय को नहीं मानती।
पार्टी ने कहा कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आएगी तो इस पूरी योजना की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सात निश्चय के सारे काम अधूरे हैं। आप किसी भी गांव में जाकर देख लें, सबके सामने इसकी हकीकत आ जाएगी।
लोक जनशक्ति पार्टी ने कहा कि इस योजना के तहत बहुत सारे कार्यों का तो भुगतान ही नहीं हुआ है।
लोजपा के प्रवक्ता ने कहा कि हमारी पार्टी बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट पर काम कर रही है और इसी से जुड़ी विजन डॉक्यूमेंट को अगली सरकार लागू करेगी। लोजपा का मानना है कि इस योजना से विकास कम और भ्रष्टाचार ज्यादा हुआ है।
इस योजना के बिहार का विकास नहीं हो सकता लेकिन सफेदपोशों को जरूर लाभ मिल जाएगा। वहीं बता दें कि पार्टी ने बिहार में गठबंधन को लेकर विचार करने के लिए तीन अक्तूबर को केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है। पार्टी अभी भी 143 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए अड़ी हुई है। हालांकि भाजपा ने उसे 27 सीटों का ही प्रस्ताव दिया है।
इसके अलावा बीजेपी और जेडीयू के बीच 12 से ज्यादा सीटों पर मामला उलझ गया है। भाजपा का मानना है कि कई सीटें ऐसी हैं, जिनको लेकर उनका आधार वोट नाराज हो सकता है और इसलिए भाजपा किसी भी हाल में वो सीटें नहीं छोड़ सकती है।
इधर विपक्षी दलों में सीट बंटवारें को लेकर सहमति बनती नजर आ रही है। राजद ने कांग्रेस को 70 और वाम दलों को 30 सीटें दी है। कांग्रेस अपनी जीती हुई सीटों के अलावा उन सीटों की भी मांग कर रहा है, जहां पहले जेडीयू जीता था या दूसरे नंबर पर था।