लद्दाख की गलवां घाटी में 15 जून की रात चीनी सैनिकों के साथ झड़प के दौरान शहीद हुए भारतीय सेना के 20 जवानों के नाम पूर्वी लद्दाख में युद्ध स्मारक पर अंकित किए गए हैं। सेना ने शहीद योद्धाओं के लिए ये स्मारक बनवाया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। गौरतलब है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों ने सीमा पर घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसे बहादुर जवानों ने अपनी जान की बाजी लगाकर विफल कर दिया था।
16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू गलवां घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 के पास चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद होने वाले 20 जवानों में शामिल थे। इस झड़प में भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए थे और उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया था। अधिकारियों ने कहा, सभी शहीदों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अंकित किए गए हैं।
गलवां घाटी में हुई इस हिंसक झड़प में मारे गए अपने सैनिकों के बारे में चीन ने कोई जानकारी साझा नहीं की। हालांकि, भारत के मूल्यांकन के मुताबिक, इस झड़प में पीएलए को भारत से दोगुना ज्यादा क्षति हुई। वहीं, एक अमेरिकी खुफिया में रिपोर्ट में बताया गया था कि इस झड़प में चीनी पक्ष के 43 जवान हताहत हुए थे।
गलवां घाटी में हुई इस झड़प में 16 बिहार रेजीमेंट के सैनिकों के अलावा, 3 पंजाब रेजीमेंट, 3 मीडियम रेजीमेंट और 81 फील्ड रेजिमेंट के जवान शामिल थे। भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों का डटकर सामना किया। दरअसल, चीनियों ने क्षेत्र को खाली करने से इनकार कर दिया, जिसे लेकर दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी।