मालूम हो कि गांव में बैरिकेडिंग करके मीडियाकर्मियों को रोके जाने का विरोध खुद भाजपा के कई नेताओं ने किया था। उमा भारती ने भी ट्वीट कर मीडिया को रोके जाने को गलत बताया था।
उन्होंने कई ट्वीट कर लिखा, योगी आदित्यनाथ जी आपको जानकारी होगी ही की मैं कोरोना पॉजिटिव होने के चलते एम्स ऋषिकेश के कोरोना वार्ड में भरती हूं। उन्होंने आगे लिखा, आज मेरा यहां सातवां दिन है और इसलिए मैं अयोध्या मामले पर विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश भी नहीं हो पाई। यद्यपि मैं किसी से मिल नहीं सकती, फोन नहीं कर सकती लेकिन टीवी है जिससे की समाचार मिलते हैं।
वह आगे बोलीं, मैंने हाथरस की घटना के बारे में देखा। पहले तो मुझे लगा की मैं ना बोलूं क्योंकि आप इस संबंध में ठीक ही कार्यवाही कर रहे होंगे।
किंतु जिस प्रकार से पुलिस ने गांव की एवं पीड़ित परिवार की घेराबंदी की है उसके कितने भी तर्क हों लेकिन इससे विभिन्न आशंकाये जन्म लेती हैं। वह एक दलित परिवार की बिटिया थी। बड़ी जल्दबाजी में पुलिस ने उसकी अंत्येष्टि की और अब परिवार एवं गांव की पुलिस के द्वारा घेराबंदी कर दी गई है।
उमा भारती ने ये भी कहा कि, मेरी जानकारी में ऐसा कोई नियम नहीं है कि एसआईटी जांच में परिवार किसी से मिल भी ना पाए। इससे तो एसाईटी की जांच ही संदेह के दायरे में आ जाएगी।