फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर दोषियों को दिलाएं सजा : मायावती
लखनऊ। हाथरस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार लड़की की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत को लेकर विपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो व प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार को ट्वीट किया कि यूपी के हाथरस में गैंगरेप के बाद दलित पीड़िता की आज हुई मौत की खबर अति-दुःखद है। सरकार पीड़ित परिवार की हर संभव सहायता करे व फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर अपराधियों को जल्द सजा सुनिश्चित करे, बसपा की यह मांग है। मायावती ने इससे पहले रविवार को घटना को अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय बताते हुए कहा था कि बहन-बेटियां प्रदेश में सुरक्षित नहीं हैं।
दुष्कर्म की घटनाओं से यूपी हिला, महिला सुरक्षा के प्रति सीएम जवाबदेह: प्रियंका
वहीं कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने मंगलवार को ट्वीट किया कि हाथरस में हैवानियत झेलने वाली दलित बच्ची ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। दो हफ्ते तक वह अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जूझती रही। हाथरस, शाहजहांपुर और गोरखपुर में एक के बाद एक रेप की घटनाओं ने राज्य को हिला दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ चुकी है। महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है। अपराधी खुले आम अपराध कर रहे हैं। इस बच्ची के कातिलों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उप्र की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति आप जवाबदेह हैं।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि दिल्ली के अस्पताल में जिन्दगी की जंग हार गई हाथरस की बेटी। 14 सितम्बर से इलाजरत थी। पुलिस ने 8 दिन बाद सामूहिक दुष्कर्म की धारा जोड़ी क्योंकि आरोपी विशेष जाति वर्ग के थे। जो हैवानियत हाथरस की बेटी के साथ हुई है, यह उप्र पर कलंक है। उन्होंने कहा कि यह कैसा रामराज्य है? जहां बेटियां सुरक्षित नहीं। मुख्यमंत्रीजी संवेदनशीलता और नैतिकता बची हो तो इस्तीफा दें। समाजवादी पार्टी भी इस मामले को लेकर राज्य सरका पर हमलावर बनी हुई है। पार्टी ने कहा कि प्रदेश में जंगलराज कायम हो चुका है। सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। पार्टी प्रवक्ता जूही सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि हाथरस की बेटी बलात्कार,निर्मम यातना के बाद अब जीवित नहीं रही। सरकार ने कई दिन बाद गम्भीर धाराओं में मुकदमा लिखा था। यही सुरक्षा हम बेटियों को दे रहे हैं, क्या सरकार संजीदा भी है महिला अपराध रोकने के प्रति।