बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन (Grand Alliance) में कांग्रेस (Cngress) का पेंच फंस गया है। इस बीच कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी (Congress Screening Committee) की बैठक के बाद कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय 243 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम लेकर दिल्ली लौट गए हैं। बताया जा रहा है कि महागठबंधन (Mahagthbandhan) के सबसे बड़े घटक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने कांग्रेस को 65 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है, जिसपर वह राजी नहीं है। एक अन्य सूत्र के अनुसार कांग्रेस को आरजेडी ने 58 विधानसभा सीटों के साथ एक लोकसभा सीट का भी प्रस्ताव दिया है। डैमेज कंट्रोल के प्रयास जारी हैं। अगर बात नहीं बनी तो कांग्रेस ने महागठबंधन से अलग होकर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा पहले से कर दी है। हालांकि, इसपर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को करना है।
243 प्रत्याशियों के नाम लेकर दिल्ली लौटी स्क्रीनिंग कमेटी
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए बनाई गई कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक पटना में हुई। स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय तथा सदस्य काजी निजामुद्दीन और देवेंद्र यादव ने कांग्रेस के सभी जिलाध्यक्षों के साथ बैठक कर उनसे उनके जिले की सभी विधानसभा सीटों के संभावित उम्मीदवारों के साथ ही अन्य बिंदुओं पर फीडबैक लिए। बैठक के बाद आवेदन लेकर पार्टी मुख्यालय पहुंचे टिकटार्थियों से भी स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों ने मुलाकात की। फिर, स्क्रीनिंग कमेटी 243 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम लेकर दिल्ली लौट गई। अब प्रत्याशियों और सीटों का फैसला आलाकमान के स्तर पर होगा।
अंतिम फैसला आलाकमान का, दी जाएगी फीडबैक रिपोर्ट
इससे पहले अविनाश पांडेय ने कहा कि जिलाध्यक्षों से मिले फीडबैक की रिपोर्ट आलाकमान को दी जाएगी। अंतिम फैसला वहीं होगा। प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा व विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि कांग्रेस चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं को तवज्जो दी जाएगी। पार्टी के प्रवक्ता राजेश राठौर ने बताया कि उम्मीदवारों से इस बार कांग्रेस ने हाईटेक सिंगल विंडो सिस्टम से आवेदन लिए हैं। सभी आवेदनों को डिजिटल रूप में स्क्रीनिंग कमिटी और प्रदेश कांग्रेस के सक्षम पदाधिकारियों तक पहुंचाया गया था। स्क्रीनिंग कमेटी और प्रभारी सचिव दो दिन की मैराथन बैठक के बाद देर शाम दिल्ली लौट गए।
आरजेडी ने दिया 65 सीटों का प्रस्ताव, कांग्रेस को चाहिए 70
स्पष्ट है, कांग्रेस सभी सीटों पर अपनी तैयारी में लग गई है। हालांकि, महागठबंधन में बात बन जाए, यह प्राथमिकता है। सूत्र बताते हैं कि महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे के प्रस्तावित फॉर्मूला में आरजेडी ने कांग्रेस को 65 सीटों का प्रस्ताव दिया है। आरजेडी खुद करीब 155 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है। आरजेडी अपने कोटे से विकासशील इंसान पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को सीटें देगा तो कांग्रेस को राष्ट्रवादी कांग्रेस को अपने कोटे में से सीटें देनी होंगी। बताया जा रहा है कि भाकपा माले को 14, सीपीआइ को तीन और सीपीएम को दो सीट देने का भी प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि, कांग्रेस इसपर राजी नहीं है। कांग्रेस कम से कम 70 सीटें चाहती है।
आरजेडी नेता शक्ति यादव का कुछ सीटें बढ़ाने का संकेत
एक अन्य सूत्र के अनुसार आरजेडी ने कांग्रेस को 58 विधानसभा सीटों के साथ वाल्मीकिनगर की लोकसभा सीट का भी ऑफर किया है। आरजेडी नेता शक्ति सिंह यादव कहते हैं कि आरजेडी अपने बड़े सहयोगी कांग्रेस को खाेना नहीं चाहता, इसलिए कुछ और सीटें भी दे सकता है। हालांकि, कांग्रेस को भी गठबंधन की मजबूरियों को समझना चाहिए।
सीट बंटवारे की गांठ सुलझाने को कांग्रेस के संपर्क में आरजेडी
सूत्र बताते हैं कि आरजेडी सीटों के बंटवारे की फंसी गांठ सुलझाने के लिए कांग्रेस से लगातार संपर्क में है। बताया जा रहा है कि आरजेडी ने कांग्रेस को विधानसभा सीटों के साथ एक संसद की एक सीट का नया प्रस्ताव दिया है, जिसपर कांग्रेस की प्रतिक्रिया मिलनी शेष है। फैसला जो भी हो, कांग्रेस आलाकमान फिलहाल असंयमित बयानों से परहेज की नीति का समर्थन कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि कि 243 सीटों पर लड़ने वाले अविनाश पांडेय के बयान से आलाकमान नाराज है। उन्हें मर्यादा में रहकर बोलने की हिदायत दी गई है।
अंतिम फैसला आलाकमान का,अब जारी है इंतजार
जो भी हो, कांग्रेस की परंपरा के अनुसार अंतिम फैसला तो आलाकमान को ही करना है। कांग्रेस प्रवक्ता हरखू झा ने कहा कि राजद-वामदलों से समझौते का फैसला पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के स्तर पर हुआ है। इन दोनों की सहमति से ही सीटों का फैसला भी होगा। कांग्रेस कितनी सीटों पर लड़ेगी इस मुद्दे पर निर्णय का अधिकार आलाकमान को लेना है। पार्टी का कोई भी नुमाइंदा इस मुद्दे पर बोलने को अधिकृत नहीं है।