मलमास या अधिकमास में शुभ काम ना करने के सुझाव दिए जाते है। इस बार अधिक मास 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक रहेगा। ज्योतिषाचार्य भूषण कौशल कहते हैं कि अधिकमास को प्रभु विष्णु के नाम पुरुषोत्तम मास के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए इस समय में कुछ खास शुभ कार्यों से परहेज करने की आवश्यकता नहीं है। अधिकमास में भी कई शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
1। अगर किसी दुर्घटना से बचने के लिए आप महामृत्युंजय जाप या हवन करवाना चाहते हैं, तो बिना संकोच करवाइए। मलमास में आप घर में पूजा-पाठ अथवा हवन निसंकोच करवा सकते हैं।
2। बच्चों का जन्मदिवस अथवा सालगिरह पर घर में पूजा-पाठ रख सकते हैं। मित्रों तथा रिश्तेदारों के साथ ऐसे पलों को सेलिब्रेट करने की कोई मनाही नहीं है।
3। विवाह के पश्चात् संतान प्राप्ति के लिए गोद भराई की रस्म को लेकर भी किसी प्रकार की पाबंदी नहीं लगनी चाहिए। अधिकमास में आप ये काम भी पूरे विधि-विधान के साथ पूर्ण कर सकते हैं।
4। मलमास में पैदा हुए बच्चे भी बड़े भाग्यशाली होंगे। छह ग्रह उच्च के चल रहे हैं। ऐसे समय में पैदा हुए बच्चे किसी अवतार से कम नहीं होते हैं। इनके पैदा होने से मां-बाप का भी भाग्योदय होगा।
5। हालांकि मलमास में कोई भी शुभ कार्य करने से पूर्व प्रभु विष्णु की पूजा अवश्य कर लें। साथ ही ‘ओम नमो: भगवते वासुदेवाय नम:’ के चमत्कारी मंत्र का जाप करना ना भूलें। लक्ष्मी नारायण मंदिर में जाकर प्रभु को भोग लगाएं।
6। इसके शादी, मुंडन, गृह निर्माण, गृह प्रवेश, गहनों की खरीदारी अथवा मोटर गाड़ी की खरीदारी पर निश्चित रूप से रोक लगी रहेगी।
इसी के साथ अधिकमास या मलमास में इन चीजों को करने पर कोई मनाही या इससे कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा।