नवरात्रि के हर दिन माँ के अलग-अलग रूपों का पूजन किया जाता है। ऐसे में नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी का पूजन किया जाता है और कहते हैं मां कात्यायनी अपने भक्तगणों पर हमेशा अपनी कृपा दृष्टि रखती हैं। ऐसे में माँ को संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हेमावती, इस्वरी इन नामों से भी जाना जाता है और शक्तिवाद में उन्हें शक्ति या दुर्गा, जिसमें भद्रकाली और चंडिका भी कहते हैं। ऐसे में कहते हैं मां कात्यायनी को प्रसन्न करना कठिन नहीं है और अगर आप शादी जल्द से जल्द करना चाहते हैं तो आप इन्ही माँ को खुश कर सकते हैं।
कहते हैं जो लोग जल्द से जल्द शादी के बंधन में बंधना चाहते हैं वह नवरात्रि के छठवें दिन माँ कात्यायनी का पूजन कर सकता है। कहते हैं जो लोग जल्द शादी करना चाहते हैं वह नवरात्रि के छठवें दिन माँ कात्यायनी को हल्दी का उबटन चढ़ाये, जी हाँ क्योंकि इसे माँ को चढ़ाने से वह आपकी पुकार सुन लेंगी और आपकी शादी जल्दी होगी। आइए आपको बताते हैं माँ के पूजन सामग्री में क्या-क्या शामिल होता है।
कात्यायनी पूजन सामग्री व मंत्र – नारियल, कलश, गंगाजल, कलावा, रोली, चावल, चुन्नी, शहद, अगरबत्ती, धूप, दीया और घी। साथ ही मां कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए 3 से 4 पुष्प लेकर निम्नलिखित मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए, उसके बाद उन्हें पुष्प अर्पित करना चाहिए।
मंत्र – चंद्र हासोज्ज वलकरा शार्दू लवर वाहना। कात्यायनी शुभं दघा देवी दानव घातिनि।