मध्य प्रदेश के मुरैना में गर्भ में पल रहे बच्चे के लिंग की पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन से जांच कर सात हजार रुपए में गर्भपात करने का मामला सामना आया है। इस गोरखधंधे में उतरी नर्स ने शहर के एक निजी नर्सिंग होम में गर्भपात करना सीखा और रैकेट से जुड़कर यह काम शुरू कर दिया। हालांकि इस रैकेट का सरगना एक झोलाछाप डॉक्टर है, जो पुलिस की भनक लगते ही छत से कूदकर भाग निकला।
जिस मकान में यह गर्भपात की दुकान संचालित थी, डॉक्टर ने उसकी दूसरी मंजिल पर मिनी क्लीनिक बना रखा था। इसमें अल्ट्रासाउंड मशीन के अलावा सक्शन मशीन, गर्भपात में उपयोग होने वाली दवाइयां, इंजेक्शन, ग्लब्स, प्रतिबंधित ऑक्सीटॉसिन इंजेक्शन सहित गर्भपात में प्रयुक्त होने वाला काफी सामान मिला है।
PCPNDT (पीसीपीएनडीटी) एडवाइजरी कमेटी की मेंबर्स मीना शर्मा ने बताया कि रैकेट को रंगेहाथों पकड़ने के लिए शहर की ही छह माह की एक गर्भवती महिला को ग्राहक बनाया गया। फिर उसके साथ दो आरक्षक को सहयोगी बनाकर गर्भपात करने वाली नर्स रेखा सेंगर के पास भेजा।
सौदा सात हजार में तय हुआ। नर्स ने महिला के सभी चेकअप किए। इसके बाद रैकेट का मुखिया झोलाछाप डॉक्टर अपनी पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन लेकर आ गया। जांच के बाद बताया गया कि फीमेल चाइल्ड है। तभी टीम ने घर में दबिश देकर आरोपी नर्स रेखा सेंगर और दुर्गेश श्रीवास को दबोच लिया। हालांकि डॉक्टर छत से कूदकर भाग निकला।