आज भी पुरे विश्व में COVID-19 महामारी ने अपना कहर जारी रखा है। ऐसे में सही वैक्सीन की तलाश न होने तक सामाजिक दुरी, मास्क पहनना, हाथों को बार-बार सैनिटाइज करना तथा इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाना बहुत ही आवश्यक है। COVID-19 महामारी के कारण सैनिटाइजर्स हमारी जिंदगी का एक महत्वपूर्ण भाग बन गए हैं। सैनिटाइजर को हम COVID-19 वायरस से लड़ने के लिए ढाल के रूप में उपयोग करते हैं।
वही COVID-19 संकट से पूर्व जब हम काम पर जाते थे या यात्रा कर रहे होते थे तब हम सैनिटाइजर का उपयोग करते थे। COVID-19 वायरस के फैलने के पश्चात् से रोजाना सैनिटाइजर की डिमांड बढ़ती जा रही है। कुछ कंपनियों ने इन हालातों का लाभ उठाना आरम्भ कर दिया है। सैनिटाइजर के नाम पर कई झोल तथा मिलावटी उत्पाद बाजार में विक्रय किए जा रहे हैं। वही मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मार्केट में कई प्रकार के सैनिटाइजर प्राप्त हो रहे हैं, जिनमें कुछ दावा करते हैं कि वह 99।9 प्रतिशत तक वायरस मार सकते हैं। वहीं कुछ कहते हैं कि उनका सैनिटाइजर स्मेल वाला है।
वहीं कई कंपनियों का कहना है कि उनका सैनिटाइजर अल्कोहल बेस्ड है। COVID-19 वायरस से बचने के लिए हम सभी अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं। परन्तु क्या आपने सोचा है कि आप उचित सैनिटाइजर का उपयोग कर रहे हैं या नहीं। क्या सैनिटाइजर का कोई दुष्प्रभाव भी होता है? क्या सैनिटाइजर आपकी स्किन को सूट करते हैं? दरअसल इस वक़्त मार्केट में कई घटिया तथा मिलावटी सैनिटाइजर प्राप्त हो रहे हैं। ऐसे में ये सभी प्रश्न लाजमी हैं। वही मुंबई के एक त्वचा रोग एक्सपर्ट डॉ बिंदू स्टालेकर कहते हैं- व्यक्तियों को सैनिटाइजर क्रय करते समय आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए। सैनिटाइजर में इथाइल अल्कोहल की मात्रा 70 प्रतिशत से अधिक हो तो अच्छा है। कई बार अल्कोहल हाथों को ड्राई बना सकता है। इसलिए ग्लिसरीन वाला सैनिटाइजर अच्छा रहता है। साथ ही जिन्हें अक्सर एलर्जी हो जाती है, उन्हें स्मेल वाले सैनिटाइजर का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसी के साथ इन चीजों का ध्यान रखना आवश्यक है।